नई दिल्ली: व्यापम घोटाले से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक दिलचस्प फैसला सुनाया। ‘निधि कैम बनाम मध्य प्रदेश राज्य और अन्य‘ मामले की सुनवाई कर रही बेंच ने दो अलग-अलग फैसले सुनाए।

मध्य प्रदेश का व्यापम मामला हमेशा ही सुर्खियों मे रहा है और अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले मे अनोखा फैसला दिया है। ये फैसले सामूहिक नकल मे जुड़े 634 छात्रों के संबंध मे है।

सुनवाई कर रहे जज ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुनाते हुए कहा कि जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी 634 छात्रों को ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद पांच साल तक भारतीय सेना के लिए बिना किसी वेतन के काम करना पड़ेगा। पांच साल पूरे होने पर ही उन्हें डिग्री दी जाएगी। इस दौरान उन्हें केवल गुजारा भत्ता दिया जाएगा।

वहीं जस्टिस सप्रे ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुये छात्रों की अपील को बर्खास्त कर दिया।

क्या है पूरा मामला: 

बता दें कि व्यापम मे सामूहिक नकल की बात सामने आने पर 2008-2012 के छात्रों के बैच को एड्मिशन रद्द कर दिया गया था। इसके बाद सभी छात्रों ने कोर्ट से इस मामले में दखल देने की अपील की थी।

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