2007 में हैदराबाद की मक्का मस्जिद में बम धमाका करने वाले आरोपी स्वामी असीमानंद को बीते समय में हैदराबाद कोर्ट द्वारा ज़मानत दे दी गयी है. जिसके बाद से ही कोर्ट के इस फैसले को लेकर लगातार घमासान चल रही है. इसी क्रम में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कोर्ट पर इस तरह के निर्णय पर प्रशन चिन्ह लगाते हुए इसे बेहद शर्मनाक निर्णय करार दिया है. एजेंसी के अनुसार वह एक मुजरिम है जिसके बाद उन्हे इस तरह ज़मानत दिया जाना न्याय व्यवस्था पर एक प्रश्न चिन्ह ही है.

पुख्ता सबूत हैं मौजूद :

  • 2007 में हैदराबाद की प्रसिद्ध मक्का मस्जिद में एक घटना घटित हुई थी.
  • बता दें कि इस घटना के तहत एक बम धमाका हुआ था जिसमे करीब नौ लोगों की जान चली गयी थी.
  • बता दें कि इस घटना को अंजाम देने में आरएसएस के पूर्व कार्यकर्ता स्वामी असीमानंद का भी हाथ था.
  • जिसके तहत उनपर हैदराबाद कोर्ट में मामला चल रहा है.
  • इस मामले के तहत बीते समय में स्वामी द्वारा ज़मानत की याचिका दायर की गयी थी.
  • जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें ज़मानत दे दी थी.
  • जिसके बाद से ही यह मामला तूल पकड़ चुका है.
  • जिसके तहत अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा कोर्ट के इस फैसले पर सवाल उठाये जा रहे हैं.
  • दरअसल एजेंसी के अनुसार स्वामी को आरोपी साबित कर सज़ा सुनाने के लिए पर्याप्त व पुख्ता सबूत मौजूद हैं.
  • फिर भी उन्हें कोर्ट द्वारा ज़मानत देना न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है.
  • इसी क्रम में बीजेपी सरकार द्वारा भी तेलंगाना सरकार से इस मामले के तहत स्ववाल किये गए हैं.
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