उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने सोमवार को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को सुझाव दिया है कि दोनों राज्यों को तेलुगू को प्रशासनिक भाषा बना देना चाहिए। साथ ही नायडू ने दोनों राज्यों को सरकारी नौकरी के लिए तेलुगू विषय अनिवार्य किए जाने का सुझाव भी दिया।

करना चाहिए तेलुगू का अध्ययन-

  • तेलंगाना सरकार द्वारा नागरिक सम्मान समारोह में उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं यह नहीं कह रहा कि तेलुगू को कामकाज की भाषा बनाई जाए।’
  • आगे उन्होंने कहा, ‘बल्कि हर व्यक्ति को अनिवार्य रूप से एक भाषा और एक विषय के तौर पर तेलुगू का अध्ययन करना चाहिए।’
  • नायडू ने तेलंगाना मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव और आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को तेलुगू को प्रथामिकता दिलाने का सुझाव दिया।
  • उन्होंने कहा कि प्रशासनिक भाषा वह होनी चाहिए, जिसे आम जनता समझ सके।
  • अंग्रेजी को ‘बीमारी’ की संज्ञा देते हुए नायडू ने कहा कि इसने सभी को अपने चंगुल में फंसा लिया है।
  • हालांकि उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने खुद को अंग्रेजी विरोधी नहीं बताया।
  • उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि अंग्रेजी की बीमारी इतनी जल्दी नहीं जाएगी।’
  • इसकी दवा भी आसान नहीं है।
  • यह किसी संक्रामक रोग की तरह फैल चुकी है।
  • उप राष्ट्रपति ने कहा कि कुछ लोग फैशन के चलते अंग्रेजी सीखते हैं।
  • लेकिन अधिकांश नौकरी हासिल करने के लिए अंग्रेजी पढ़ते हैं।
  • नायडू ने दोनों मुख्यमंत्रियों को दोनों राज्यों के बीच चल रहे मतभेद बातचीत से सुलझाने का भी सुझाव दिया।
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