पृथ्वी दिवस प्रत्येक साल 22 अप्रैल को दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए और पृथ्वी को बचाने रखने के लिए मनाया जाता है. पृथ्वी दिवस पर कुछ काम करने और जागरूकता फैलान के  लिए आयोजित किया जाता है. पृथ्वी पर रहने वाले तमाम जीव जंतुओं और पेड़-पौधों को बचाने तथा दुनिया भर में पर्यावरण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लक्ष्य के आज के ही दिन ‘अर्थ डे’ मनाने की शुरुआत की गई थी. इसकी स्थापना  1970 में अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने एक पर्यावरण शिक्षा के रूप की थी. अब इसे 192 से अधिक देशों में प्रति वर्ष मनाया जाता है. यह तारीख उत्तरी गोलार्द्ध में वसंत और दक्षिणी गोलार्द्ध में शरद का मौसम है.

प्लास्टिक की खपत पर कटौती करने की जरुरत

धरती पर प्लास्टिक कचरे के बढ़ते बोझ के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र ने इस बार पृथ्वी दिवस 2018 की थीम ‘प्लास्टिक प्रदूषण की समाप्ति’ रखा है। एक अनुमान के मुताबिक अकेले भारतीय शहरों में ही रोजाना 15 हजार टन से अधिक प्लास्टिक कचरा पैदा हो जाता है। 2050 तक समुद्र में प्लास्टिक कचरे की मात्रा मछलियों से ज्यादा होने की आशंका है। पृथ्वी दिवस नेटवर्क के मुताबिक, पृथ्वी दिवस 2018 मूल रूप से प्लास्टिक को लेकर मानवीय रवैया और व्यवहार को बदलने के लिए आवश्यक जानकारी और प्रेरणा प्रदान करने के लिए समर्पित है. इसका विचार लोगों को प्लास्टिक की खपत पर कटौती करने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि प्रत्येक व्यक्ति सालाना उपभोग करने वाली प्लास्टिक वस्तुओं की संख्या पर ध्यान दें और राशि को कम करने के लिए सचेत प्रयास करें.

बता दें कि विभिन्न देशों ने पहले ही प्लास्टिक पर बैन लगा रखा है. केन्या में प्लास्टिक के इस्तेमाल करने पर चार साल की जेल की हवा खानी पड़ सकती है. वहीँ सितंबर 2016 में फ्रांस डिस्पोजेबल प्लास्टिक कप-प्लेट के प्रयोग पर पाबंदी लगाने वाला दुनिया का पहला देश बना.

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