घाटी में एक मुठभेड़ में 2 आतंकियों को सेना ने ढेर कर दिया था। ये दोनों आतंकी हिजबूल के थे जिन्हे सोपोर के इलाके में सेना ने मार गिराया था। इसके बाद जो कुछ हुआ वो भारत की एकता और अखंडता पर करारा प्रहार है।

funeral

मारे गए आतंकियों की शव-यात्रा निकाली गई जिसमें अनेकों नकाबपोश आतंकी शामिल हुए और उन्होंने 3 बार बंदूकों से फायर करके सलामी दी। इस शवयात्रा के दौरान बड़ा हुजूम उमड़ पड़ा था जो कि सुरक्षा व्यवस्था की की दृष्टि से बड़ी असफलता है। कश्मीर घाटी में ये पहला वाकया नहीं है जब आतंकी की शवयात्रा में लोगों की भीड़ शामिल हुई हो। इस शवयात्रा में भारत विरोधी नारे भी लग रहे थे। आतंकियों ने उस मारे गए आतंकी को सैनिकों जैसा सम्मान दिया। इसके बाद वो नकाबपोश आतंकी भीड़ में कहीं गायब हो गए।

hizbul letter

पिछले कुछ सालों में सोपोर में आतंकियों की सक्रियता बढ़ी है और आए दिन सेना और आतंकियों के साथ मुठभेड़ होती रहती है। सुरक्षा अजेंसियों का दावा है कि करीब 200 आतंकी हैं कश्मीर में जिसमें दो तिहाई स्थानीय हैं बाकी पाकिस्तानी हैं।

इन तमाम बातों के अलावा घाटी में ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं जिनमें ये धमकी दी गई है कि अनंतनाग बाई पोल में कोई भी मतदान ना करे। हिज़बुल द्वारा लगाए गए इस पोस्टर में कहा गया है कि अगर थोड़ी भी शर्म बची हो तो वोट मत देना। 

इन पोस्टरों के जरिये कहा गया है कि इस्लाम में धर्मनिरपेक्षता की जगह नहीं है और भारत का लोकतंत्र हमें स्वीकार नहीं है। इस पोस्टर में कहा गया है कि आर्मी ने अबतक 5 लाख लोगों को मारा है इसलिए शर्म बची है तो लोकतंत्र की इस प्रकिया को मत अपनाओ।

इस पोस्टर पर इब्न कासिम का हस्ताक्षर है जो कि हिजबुल का एरिया कमांडर है।

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