बीते 18 दिसंबर से देश की राजधानी दिल्ली स्थित संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ था, गौरतलब है कि, यह शीतकालीन सत्र मोदी सरकार के लिए काफी ख़ास रहा है, ऐसा इसलिए है क्योंकि, केंद्र सरकार मुस्लिम महिलाओं के हक़ के लिए लगातार बीते कुछ समय से आवाज़ उठा रही है, वहीँ मौजूदा शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार ने ट्रिपल तलाक को खत्म करने के लिए प्रस्ताव पेश किया था, जिसके बाद लोकसभा में ट्रिपल तलाक पर कानून को मंजूरी मिल चुकी है. राज्यसभा में आज ट्रिपल तलाक बिल पेश होते ही हंगामा शुरू हो गया. शीतकालीन सत्र का आज आखिरी आखिरी दिन था, जिससे सरकार की मुश्किलें और बढ़ गई थी.

सरकार के लिए इस सत्र में बिल पारित कराना टेढ़ी खीर साबित हो रहा था. तीन तलाक बिल राज्यसभा में लटक गया. संसद अनिश्‍चितकाल के लिए स्‍थगित कर दी गई. इसी के साथ ही बीजेपी की तीन तलाक बिल को पास कराने की उम्मीदों को झटका लगा है. GST संशोधन विधेयक भी राज्यसभा में अटक गया है.

राज्यसभा में गतिरोध रहा कायम

बीजेपी की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं और व्हिप जारी कर सभी सांसदों को मौजूद रहने का निर्देश दिया है. कांग्रेस ने भी व्हिप जारी किया है. शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन तीन तलाक बिल पारित होने के आसार कम ही दिख रहे हैं क्योंकि विपक्ष सेलेक्ट कमेटी में बिल को भेजने की मांग पर अड़ गया है.

कांग्रेस सहित विपक्ष ने किया राज्यसभा में विरोध

एक तरफ सरकार बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने के खिलाफ है वहीँ विपक्ष चाहता है कि इसे सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाये. वित्त मंत्री अरुण जेटली जब राज्यसभा में बोल रहे थे तब जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस पर उन्होंने बिल रोकने को लेकर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस ट्रिपल तलाक बिल के खिलाफ है. राज्य सभा में बिल पेश होने के बाद कांग्रेस के साथ विपक्ष ने इसको नकारा और सेलेक्ट कमेटी में भेजने की बात की.कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने संशोधन पेश करते हुए बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग की और कहा कि बजट सेशन के पहले हफ्ते तक रिपोर्ट आ जाए ताकि आगे इसपर बहस हो सके.

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