निजीकरण और डाटा की सुरक्षा को लेकर बीते लंबे वक्त से सवालों से घिरी आधार जारी करने वाली संस्था यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने VID यानी वर्चुअल आईडी लॉन्च कर दिया है. अब अगर आप अपना आधार नंबर डेटा सिक्योरिटी के कारण बैंक या टेलीकॉम कंपनियों से साझा नहीं करना चाहते तो आपको UIDAI एक 16 अंक का वर्चुअल आईडी नंबर देगा जिसका इस्तेमाल हर उस जगह किया जा सकेगा जहां भी आधार की जरुरत होगी.

अब नही साँझा करनी होगी आधार संख्या :

आधार संख्या जारी करने वाले प्राधिकरण यूआईडीएआई ने वर्चुअल आईडी (वीआईडी) को प्रायोगिक स्तर पर शुरू किया है. प्राधिकरण का कहना है कि विभिन्न सेवा प्रदाता जल्द ही आधार संख्या की जगह इस आईडी को स्वीकार करना शुरू कर देंगे.

इस व्यवस्था में आधार संख्या धारक को अपनी एक वर्चुअल आईडी बनानी होगी. इसका फायदा यह होगा कि जिन जगहों पर सत्यापन या अन्य काम के लिए आधार संख्या बताने की जरूरत होती है, वहां वर्चुअल आईडी को बताने से ही काम चल जाएगा. इससे दूसरे व्यक्ति या सेवा प्रदाता को उपयोक्ता की 12 अंक की आधार संख्या के बारे में पता नही चलेगा. एक तरह से यह वर्चुअल आईडी आधार संख्या के शुरुआती विकल्प के रूप में काम करेगी.

इस बारे में UIDAI ने ट्वीट कर VID के लॉन्च की जानकारी दी. ट्वीट में लिखा गया, ”UIDAI ने लॉन्च की वर्चुअल आईडी. VID को जेनरेट करने के लिए दिए गए लिंक पर जाएं. जल्द ही सर्विस प्रोवाइडर्स VID आधार नंबर की जगह एक्सेप्ट करेंगे.’

कैसे करें VID जेनरेट :

uidai.gov.in लिंक पर जाएं. यहां आपको नीचे की ओर कई ऑप्शन मिलेंगे. यहीं एक ऑप्शन मिलेगा Virtual ID (VID) Generator इस पर क्लिक करें.

दूसरे पेज पर जाते ही यूजर से आधार नंबर मांगा जाएगा. यहां अपना आधार नंबर भरिए. इसके बाद सिक्योरिटी कोड दिया गया होगा . जिसे दिए गए बॉक्स में भरना होगा. इसके बाद सेंड ओटीपी पर क्लिक करें.

मोबाइल पर जो ओटीपी मिले उसे ओटीपी के बॉक्स में भरें. नीचे दिए गए जेनरेट VID के ब्लॉक को मार्च करके सब्मिट करें.

ऐसा करते ही आपके रजिस्टर्ड नंबर पर VID का 16 अंको वाला नंबर आ जाएगा. जिसे आधार की जगह पर आप इस्तेमाल कर सकेंगे.

गौरतलब है कि सरकार ने ये कदम ऐसे वक्त में उठाया है जब एक मीडिया रिपोर्ट ने ये दावा किया कि आधार के जरिए बेहद आसानी से यूजर का प्राइवेट डेटा एक्सेस किया जा सकता है. प्राइवेसी को लेकर हुई UIDAI की करकिरी और यूजर्स की गोपनीयता का ख्याल रखते हुए अब अथॉरिटी ने ये कदम उठाया है. जिसकी मदद से यूजर्स के डेटा लीक के रिस्क को बेहद कम किया जा सकेगा.

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