केन्द्रीय मंत्री उमा भरती भी अपनी पार्टी के पदचिन्हों पर चल कर दलित प्रेम उजागर कर रही है. इसको लेकर उन्होंने दलित लुभावन बयान भी दिया जिसमे उन्होंने दलितों को अपने घर में खाना खिलाने की इच्छा जाहिर की.

दलितों को अपने घर में खिलाना चाहती हूँ खाना:

जैसे जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, भारतीय जनता पार्टी देश के दलितों को लुभाने में लग गयी है. भाजपा ही क्यों अन्य राजनीतिक दल भी दलितों को अपनी ओर करने का एक भी मौका नही छोड़ रहे. पर भाजपा नेताओ को तो निर्देश दिए गये हैं कि दलितों के साथ साथ से ज्यादा वक्त बिताएं. यहीं वजह है कि जहां एक तरफ बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत कई नेता दलितों के घर जाकर खाना खा रहे हैं वहीं बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी अपनी पार्टी के पद चिन्हों पर चलती नजर आ रहीं है.

हम श्रीराम नहीं जो दलितों को पवित्र कर दे:

उन्होंने एक बयान जारी किया जो अन्य मंत्रियो के दलितों को लुभाने के प्रयास की तुलना में और बड़ा प्रयास है. उमा भारती ने कहा कि वो दलितों को अपने घर बुलाकर भोजन खिलाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि हम भगवान राम नहीं है कि दलितों के साथ भोजन करेंगे तो वे पवित्र हो जाएंगे।

उन्होंने आगे कहा कि जब दलित हमारे घर आकर साथ बैठकर भोजन करेंगे, तब हम पवित्र हो जाएंगे। दलित को जब मैं अपने घर में अपने हाथों से खाना परोसोंगी तब मेरा घर धन्य हो जाएगा।

योगी के मंत्री के बयान पर उमा भारती का जवाब:

बता दे कि उमा भारती का यह बयान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्री के बयान का उल्ट जवाब है. जिसमे यूपी कैबिनेट के मंत्री राजेंद्र प्रताप ने कहा है कि, “जिस तरह से भगवान राम ने शबरी के बेर खा कर उसे आशीर्वाद दिया, वैसे ही भाजपा नेता दलितों के घरों में जाकर उनको धन्य करते हैं.”

इससे पहले उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी प्रदेश में चौपाल के बहाने दलितों के घर जाकर भोजन किया हैं और दलित समाज की परेशानियों को भी सुनने के लिए चौपाल का आयोजन कर रहे हैं। बता दें कि बीजेपी अभी से 2019 के चुनाव के लिए दलित समाज को अपनी तरफ करने में जुट गई है.

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