फातिमा मांगरे के नाम रिकॉर्ड दर्ज है सबसे कम उम्र की तलाकशुदा होने का. जब उसकी शादी हुई थी तब वह मात्र चार साल की थी. वहीं, उसके पति अर्जुन बकरीदी की उम्र 14 साल थी. तलाक के समय फातिमा की उम्र मात्र आठ साल थी. यह कहानी है उत्‍तर प्रदेश के श्रावस्‍ती जिले की.

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श्रावस्‍ती की रहने वाली फातिमा मांगरे को दुनिया सबसे कम उम्र की तलाकशुदा लड़की के रूप में जानते हैं. जब उसके पिता अनिल मांगरे ने उससे 10 साल बड़े अर्जुन बकरीदी से उसकी शादी तय की थी तब वह मात्र चार साल की थी. हालांकि, उसका गौना लेने के लिए उसका पति चार साल के बाद दोबारा ससुराल पहुंचा था.

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हालांकि, तब उसके पिता ने यह बात कहते हुए अपनी बेटी की विदाई करने से मना कर दिया था कि वह फातिमा को 18 साल पूरे कर लेने पर ही विदा करेंगे. इसके पीछे उन्‍होंने तर्क देते हुए कहा था, ‘इतनी कम उम्र में बेटी की शादी करने का उनका यह फैसला गलत था. यह उसके बचपन के दिन हैं जिन्‍हें लौटाना मेरा कर्त्‍तव्‍य है.’

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पिता के इस फैसले को समझने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ. किसी ने भी पिता की दलीलों पर गौर नहीं किया. नतीजतन, दोनों परिवारों के बीच दरार आ गई. विवाद बढ़ता गया और फातिमा की जिंदगी अधर में आती चली गई. अंत में पिता ने अपनी बेटी का जीवन बचाने के लिए तलाक के अपील दायर कर दी. हालांकि, विवाद का निपटारा तभी हुआ जब राष्‍ट्रीय महिला आयोग ने हस्‍तक्षेप किया. अंत में साल 2013 में फातिमा को उस शादी से मुक्‍ति मिली और साथ ही उसके नाम दर्ज हुआ दुनिया में सबसे कम उम्र की तलाकशुदा लड़की होने का.

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इस बाबत अनिल मांगरे कहते हैं, ‘मैं अपनी गलती को स्‍वीकार करता हूं. हमारे गांव में सामाजिक दबाव बहुत था. फिर भी शादी खत्‍म हो गई. मैं स्‍वीकार करता हूं कि ऐसा इसीलिए हुआ क्‍योंकि मैंने उसकी शादी कम उम्र में कर दी थी. अब मैं सबकुछ सही करना चाहता हूं. अब मैं अपनी बेटी को उसके सारे अधिकार देना चाहता हूं. मैं अपनी बेटी को एक अच्‍छा बचपन देना चाहता हूं. मैं उसे बचाने के लिए सबकुछ करूंगा.

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यूनीसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 18 वर्ष की उम्र में विवाह की आयु को सुनिश्‍चित करने के बाद प्रदेश में बाल विवाह की प्रथा खत्‍म नहीं हो रही है.

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