केंद्र सरकार में भाजपा के 4 साल की सालगिरह 26 मई को हैं. इन 4 सालों में एनडीए की सरकार ने कई बड़े कदम उठाये. कुछ उनकी उपलब्धि बनी तो कुछ से आलोचनाएँ झेलनी पड़ी. 2019 में लोकसभा चुनाव हैं, इससे पहले भारत की जनता केंद्र की मोदी सरकार से कितना जुड़ी है और कितनी अलग हो गयी, यह जानना भी अहम् हैं.  

पश्चिम बंगाल में इस समय तृणमूल कांग्रेस की सरकार है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की लोकप्रियता में इजाफा ही हुआ है जो हाल में हुए पंचायत चुनाव में साफ नजर आया. हालांकि बीजेपी के लिए भी समर्थन बढ़ रहा है और इसका संकेत पंचायत चुनावों में देखने को मिला.

बंगाल में एनडीए को 7% का फायदा:

-अगर पश्चिम बंगाल में मई 2018 यानी अभी चुनाव होते हैं तो ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को 44 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है जो 2014 के लोकसभा चुनाव में 39 फीसदी था.

-वहीं बीजेपी का वोट शेयर बढ़कर 24 फीसदी हो सकता है जो कि साल 2014 में 17 फीसदी रहा था.

-लेफ्ट के वोट शेयर की बात करें तो इसमें बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है और ये घटकर 17 फीसदी रह सकता है जो कि साल 2014 में 30 फीसदी रहा था.

-कांग्रेस का वोट शेयर मामूली बढ़कर 11 फीसदी हो सकता है जो साल 2014 में 10 फीसदी रहा था

-अन्य का वोट शेयर 4 फीसदी ही रह सकता है जो 2014 में भी 4 फीसदी रहा था.

-पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं. पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के लिए अगर अभी वोटिंग हो तो एनडीए को जबरदस्त फायदा होगा.

-एनडीए के खाते में 24%, यूपीए को 11% और अन्य के खाते में 65% वोट शेयर जाता दिख रहा है.

-2014 के आंकड़ों की बात करें तो एनडीए को सिर्फ 17% वोट हासिल हुए थे.

-यूपीए को 10% और अन्य के खाते में 73% वोट शेयर गया था. पार्टी के लिहाज से बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी का जादू बरकरार है, वहीं दूसरी सबसे पार्टी बनती दिखाई दे रही है.

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