घर के आंगन में चूं-चूं करती गौरैया आज कहीं विलुप्त हो रही है। इसका कारण है बदलती जीवन शैली और और प्रदूषण। घरों के बनावट में बदलाव आने से अपना आशियाना खो चुकीं गौरैया को वापस लाने के लिए आज पूरे विश्व में ‘वर्ल्ड स्पैरो डे’ यानी विश्व गौरैया दिवस मनाया जा रहा है।

क्यूँ आँखों से उझल हो रही गौरैया-

  • करीब 15-20 वर्ष पहले गौरैया झुंड में नज़र आती थी।
  • लेकिन अब गौरैया 60 से 70 प्रतिशत तक लुप्त हो चुकी है।
  • गौरैया घरों के आस-पास घोंसला बनाकर रहती है।
  • लेकिन आज वो नज़र नहीं आती है।
  • पहले गौरैया घरों के रोशनदान, अटारी आदि में अपना घोंसला बनाती थी।
  • लेकिन अब ऐसा नहीं होता है।
  • इसका मुख्य कारण है लोगों की बदलती जीवन शैली और घर के बनावट में बदलाव।
  • गौरैया के लुप्त होने के अन्य कारण भी है जैसे पेड़ों की कटाई, खतरनाक तरंगे, जहरीली दवाइयों का छिड़काव और प्रदूषित वातावरण है।

आओ गौरैया को वापस लाये-

  • गौरैया को बुलाने के लिए घरों में बर्ड फीडर लगाए और उसमें दाना-पानी दें।
  • गौरैया को हरियाली पसंद है, इसलिए घर में हरियाली रखे।
  • घर में झाड़ीनूमा पौधे लगाएं जिसमें गौरैया रह सके।
  • बर्ड फीडर के अलावा खुले में भी खाना डालें।
  • बगीचों में कुछ हिस्सा खाली भी छोड़ें जहां केवल धूल आये।

 

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