भारत एक ऐसा देश है जहा रहने वाले लगभग 35 फीसदी लड़़कियों को आज भी स्‍कूल में जाने का मौका नही मिल पाता है।  एक ऐसेे देश में जहां साामाजिक परम्‍पराअों ने आज भी  लड़कियों को तमाम तरह केे साामाजिक बन्‍धनों में बांंध रखा है। ऐसे समाज में भी कुछ एेेसी लड़कियां है जो अपनी जिद केे सहारे अपने सामने आने वाली तमाम चुनौतियों को पार करके कुछ ऐसा कर जाती है जिसे करने की हिम्‍मत हर किसी में नही होती।youngest phd student in india

हौसलो और सपनो की जिन्‍दा मिसाल अगर देखनी हो तो सुषमा वर्मा को देखा जा सकता है जिसने मात्र 15 साल की उम्र में ही वो कर दिखाया जिसे करने के लिए 20 साल की उम्र भी बेहद कम नजर आती है। जिस उम्र में बच्‍चों का ध्‍यान खलेने कूूदने मेंं लगा होता है , उस उम्र में 15 साल की इस लड़की ने पीएचडी की छात्रा बनकर एक नया रिकार्ड बना लिया हैै। इस लड़की का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में दर्ज किया जा चुका है। 15 साल में पीएचडी की छात्रा बनने वाली इस लड़की ने मात्र 7 साल की उम्र में अपनी हाई स्‍कूल की परीक्षा पास कर ली थी।

सबसे ज्‍यादा गौर करने वाली बात ये है कि सुषमा ने जिस कॉलेज से ग्रेजुएशन पास की है उसी कॉलेज में उसके पिता तेज बहादुर सफाई कर्मचारी हैं।

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें