2019 के लोकसभा चुनावों के लिए समाजवादी पार्टी ने अपनी तैयारियाँ शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा सपा ने अपने लोकसभा प्रत्याशियों के नाम पर भी मंथन शुरू कर दिया है। इस बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ उनके जीवन में 18 साल बाद कुछ ऐसा हुआ है जिसकी शायद किसी ने कल्पना नहीं की होगी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का हां वर्तमान में बिलकुल बसपा सुप्रीमों मायावती जैसा हो गया है।

किसी सदन के नहीं हैं सदस्य :

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के जीवन में 18 साल बाद ऐसी पल आया है कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव किसी भी सदन के सदस्य नहीं होंगे। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव वर्तमान में विधान परिषद के सदस्य हैं मगर उनका कार्यकाल आगामी 5 मई को ख़त्म हो रहा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उच्च सदन विधान परिषद में खुद की जगह प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को भेजा है। वर्तमान में कुछ ऐसी ही स्थिति उनके सहयोगी दल बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की है जो किसी भी सदन की सदस्य नहीं हैं। मायावती ने बीते दिनों राज्य सभा में न बोलने दिए जाने का मुद्दा उठाते हुए इस्तीफ़ा दे दिया था। तभी से वे किसी सदन की सदस्य नहीं हैं।

कन्नौज से लड़ेंगे अखिलेश :

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव वर्तमान में भले किसी सदन के सदस्य न हों मगर वे 2019 में कन्नौज से लोकसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। कन्नौज से वर्तमान में उनकी पत्नी डिंपल यादव सांसद हैं जिनके लिए अखिलेश यादव ने ऐलान किया है कि वे अगला चुनाव नहीं लड़ेंगी। इस तरह 2019 से पहले तक अखिलेश देश के किसी सदन में सरकार को घेरने के लिए मौजूद नहीं होंगे। 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद ही अखिलेश यादव संसद में दिखाई दे सकते हैं।

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