भारतीय एयरफोर्स ने शुक्रवार को जमीन से जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल के एडवांस वर्जन का सफल परीक्षण कर लिया। इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण जैसलमेर के पोखरण रेंज में किया गया। ब्रह्मोस एक कम दूरी की रैमजेट, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है।
इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है।
यह मिसाइल दुनिया की सबसे तेज एंटी शिप मिसाइल है, इसे भारत और रूस ने मिलकर तैयार किया है।
ब्रह्मोस के सफल परीक्षण पर मैनेजिंग डायरेक्टर सुधीर मिश्रा ने कहा, ‘मैं भारतीय एयरफोर्स को बधाई देता हूं, ब्रह्मोस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह सबसे अच्छी सुपरसोनिक मिसाइल है।
DRDO के प्रमुख डॉ. क्रिस्टफर ने भारतीय एयरफोर्स के साथ मिसाइल को बनाने में लगी टीम और DRDO के वैज्ञानिकों को भी बधाई दी।

ब्रम्होस की खूबियाः

  • ब्रह्मोस अमरीका की टॉम हॉक से लगभग दुगनी अधिक तेजी से वार कर सकती है, इसकी प्रहार क्षमता भी टॉम हॉक से अधिक है।
  • आम मिसाइलों के विपरित यह मिसाइल हवा को खींच कर रेमजेट तकनीक से ऊर्जा प्राप्त करती है।
  • यह 10 मीटर की ऊँचाई पर उड़ान भर सकती है जिसके कारण यह रडार की पकड में भी नहीं आती।
  • यह मिसाइल 1200 यूनिट ऊर्जा पैदा कर अपने लक्ष्य को तहस नहस कर सकती है।
  • यह मिसाइल हवा में ही अपना मार्ग बदल सकती है और किसी भी गतिमान लक्ष्य को भेद सकती है।
  • इसको उर्ध्वाधर अथवा क्षैतिज किसी भी दिशा में प्रक्षेपक से दागा जा सकता है।
  • यह मिसाइल तकनीक तौर पर थलसेना, जलसेना और वायुसेना तीनों के काम आ सकती है।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें