आज के समय में भी लोगों के साथ जातिगत भेदभाव किया जा रहा है। हाथरस के एक विद्यालय में ऐसा ही वाकया सामने आया है। इस वीडियो में ये दिखाया जा रहा है कि स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को उनकी जाति के आधार पर अलग-अलग समूहों में बांटकर अलग-अलग जगहों पर बैठाया जाता है।

देश 21वीं सदी में दुनिया के तमाम देशों के बीच आगे बढ़ने की होड़ में लगा हुआ है। चाँद पर पहुँच चुके लोग आज भी उस हालात पर शर्मिंदा होने को मजबूर हो जाते हैं, जब समाज के विभिन्न वर्गों को जातिगत व्यवस्था के आधार पर बंटा हुआ पाते हैं।

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वो शिक्षक किस बात की शिक्षा देने का दवा कर सकते हैं हो विद्यार्थियों को एक साथ एक छत के नीचे बैठाकर पढ़ा नहीं सकते हैं। समाज आज भी इन कुरीतियों के दलदल में फंसा हुआ है। फिर किस समानता के अधिकार की बात संविधान में की गयी थी। क्यों आज भी हम इन बातों को तवज्जो देते हैं कि छोटे तबके के लोग बड़े तबके के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर समाज को, देश को आगे नहीं ले जा सकते हैं।

वक्त आ गया है कि अब हम सब समाज में व्याप्त कुरीतियों को त्यागकर एक बेहतर समाज की स्थापना करें जहाँ ना कोई छोटा हो ना कोई बड़ा। सबको समान रूप से जीने का अधिकार मिले ताकि मानवता बार-बार शर्मसार ना हो।

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