लखनऊ-महोत्सव में कथक नृत्य लोकगीत व वाद्ययंत्रों से गुलजार हुई सातवीं शाम में स्थानीय कलाकारों ने ऐसा समां बांधा कि हर कोई उनका दीवाना हो गया। कार्यक्रम की शुरूआत प्रीति लाल की अवधी गीतों से की। देवी गीत कैसा जादुआ डाले रे ओ से उन्होंने कार्यक्रम का आगाज किया। इसके बाद उन्होंने मै बलमा वहीं लूंगी, लहंगा है मोरा बूटेदार, छोटे से नंहें से हमका, सासुल पनिया कैसे जाऊ जैसे गीत गाकर लोगों की खूब तालियां बटोरी। उनके साथ हारमोनियम पर केवल कुमार, आॅर्गन पर प्रदीप, ढोलक पर मुन्ना अनवर, आथोर्पैड पर अरुण ने संगत की। अगली प्रस्तुति में अल्का ठाकुर व जीशान ने सारंगी व बांसुरी पर राग रागेश्री मध्यलय तीन ताल, ध्रुत लय तीन ताल पेश कर लोगों का दिल जीत लिया।

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स्वरा त्रिपाठी ने जीता दिल

  • सांस्कृतिक पंडाल में महज तीन साल की बच्ची स्वरा त्रिपाठी ने मेरी डोरी रे मटुकिया तोड़ पर भावपूर्ण नृत्य कर लोगों को आर्श्चचकित कर दिया।
  • स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति में श्वेता मिश्रा ने कथक के जरिये शिव स्तुति डमरू हर घर बाजे की प्रस्तुति दी।
  • इसके बाद नृत्य परंपरा तीन ताल में आमद, तिहाई, टुकड़ा, चक्रधार आदि पर शुद्ध कथक की प्रस्तुति दी।
  • उनके द्वारा बिंदादीन महाराज की ठुमरी पग रोकों न रे सावंरिया पर मनमोहक प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सवारा।
  • उनके साथ तबले पर राजीव शुक्ला, बांसुरी पर दीपेंद्र कुंवर, गायन में कमलाकांत ने प्रस्तुति दी।

मणिपुरी नृत्य कलाकारों ने पेशकर कर दिया मंत्रमुग्ध

  • मणिपुर के लाईहरावबा नृत्य पेशकर कलाकारों ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
  • प्रस्तुति से कलाकारों ने मणिपुर का अध्यात्मिक, पृत पूजा, तांत्रिक मत और शैव धर्म के तत्वों को अपने नृत्य के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया।
  • रसराज मुखर्जी के निर्देशन में संतोषी जोशी, मीरा यादव, कुशाग्र बाजपेयी, मनस्वी यादव, रजनीश कुमार, मधुसुदन ने शानदार नृत्य किया।
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