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खानपान में कुछ बदलावों से दूर होगा “तनाव”!

stress

भागदौड़ भरी जीवनशैली के कारण तनाव उत्पन्न होना स्वाभाविक है। इसकी वजह से चिड़चिड़ापन, क्रोध, थकान आदि परेशानियां होती हैं। तनाव लम्बे समय तक रहे तो स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। मनोचिकित्सकों के अनुसार, कई प्रकार के मनोरोग जैसे-चिन्ता, डिप्रेशन, हिस्टीरिया, पैनिक, डिसऑर्डर आदि के पीछे मुख्य कारण मानसिक तनाव है। अपनी डाइट में कुछ बदलाव करके आप तनाव से निपट सकते हैं।

हरी सब्जियाँ-

हरी पत्तेदार सब्जियों में मैगनीशियम बहुतायत मात्रा में पाया जाता है। मैग्नीशियम की कमी से तनाव व स्ट्रेस हारमोन कार्टीसोल का स्तर बढ़ता है। मैग्नीशियम की कमी से व्यक्ति अवसाद से ग्रसित हो जाता है। हरी सब्जियों का नियमित सेवन शारीरिक व मानसिक तनाव को दूर रखने के लिहाज से काफी उपयोगी है।

दूध-

रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध पीने से अनिद्रा व व्याकुलता की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। दूध में पाया जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स के अलावा बी 2, बी 12 कैल्शियम और प्रोटीन शरीर में ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में मददगार हैं। वहीं दूध में पाये जाने वाले पोटेशियम से तनाव के कारण मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन से निजात मिलता है।

बादाम-

बदाम में पाया जाने वाला जिंक हमारे दिमाग के लिए काफी फायदेमंद है। इसके साथ ही बदाम में हेल्दी फैट और आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। मालूम हो कि आयरन की कमी से थकान और तनाव महसूस होता है।

संतरा-

संतरे में पाया जाने वाला विटामिन सी ब्लड प्रेशर और स्ट्रेस हार्मोन को नियंत्रित करने में सहायक है। अक्सर लोग नाश्ते में संतरे का जूस लेना पसंद करते हैं। जूस के स्थान पर यदि आप संतरा छीलकर गूदा समेत खाते हैं, तो विटामिन सी के साथ फाइबर भी प्राप्त होता है।

यूं तो पूर्णरूप से तनाव से मुक्त जीवन एक कल्पना मात्र है, फिर भी एक प्रभावशाली जीवन के लिए काफी हद तक तनाव मुक्त होना अत्यन्त आवश्यक है। जब तनाव एक सीमा पार कर जाता है, तब हमारा मानसिक सन्तुलन बिगड़ सकता है और इसका असर शरीर पर भी पड़ता है।

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