आज शरद पूर्णिमा है इस पर्व पर रवि योग, गुरू-चन्द्रमा की परस्पर पूर्ण दृष्टि होने से है और गजकेशरी योग व गुरू-चन्द्रमा के आमने-सामने होने से बना है समसप्तक योग इस प्रकार तीन योगों का संयोग बना है।

जानिए इस त्रियोग से क्या है लाभ :

  • आज शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण रहेगा।
  • इस लिए आज आकाश से अमृत की बरसात होगी
  • इस त्रियोग में नए व्यापार की शुरूआत भूमि,भवन,वाहन खरीदना,  सोना, चांदी या कोई भी धातु खरीदना अत्यंत शुभ रहेगा।
  • आपको बता दें की शरद ऋतु, पूर्णाकार चंद्रमा, पूरे संसार भर में उत्सव का माहौल रहेगा।
  • प्राचीन काल से शरद पूर्णिमा को बहुत ही अच्छा पर्व माना जाता है।
  • इसके महत्व और उल्लास के तौर-तरीकों के संबंध में शरद पूर्णिमा का महत्व शास्त्रों में भी बहुत माना जाता है।
  • शरद पूर्णिमा की रात्रि को चन्द्रमा अपनी समस्त कलाओं के साथ होता हैऔर धरती पर अमृत वर्षा करता हैं।
  • रात्रि 12 बजे होने वाली इस अमृत वर्षा का लाभ सभी को मिले इसी उद्देश्य से चंद्रोदय सायं 5:43 बजे होगा।
  • इस दिन 12 बजे के बाद आकाश के नीचे खीर या दूध रखा जायेगा।
  • इस खीर या दूध में रात्रि को आकाश से अमृत वर्षा बरसेगी जिससे इसको खाने से रोगी रोगमुक्त भी हो जाता है।
  • हालांकि खीर देवी-देवताओं का सबसे प्रसिद्ध भोजन भी हैं।

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