स्मार्टफोन (Mobile) और टैबलेट्स जैसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में अब आग लगने और फटने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं ऐसे में जो लोग बेफिक्र होकर अपने मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉंनिक डिवाइस को साथ लेकर सो रहे हैं वे सावधान हो जाएं, क्योंकि आग लगने से भी ज्यादा एक और बड़ा नुकसान है.

 मोबाइल (Mobile) लेकर सोने वालों के लिए क्या हैं खतरा :

  • हम आपको बता दें आपका पसंदीदा स्मा‍र्टफोन से अधिक खतरनाक गैसें निकल रही हैं.
  • इसे लेकर शोधकर्ताओं के अनुसार इनकी एक टीम ने.
  • लिथियम-आयन बैटरियों से निकलने वाली 100 से ज्यादा जहरीली गैसों की पहचान की है.
  • इसमें कार्बन मोनोऑक्साइड भी शामिल है इस वजह से आंख, स्किन और नेजल में जलन की समस्या पैदा हो जाती है.
  • इन गैसों से आस–पास के रहने वालो के लिए भी खतरा हैं.
  • चीन के इंस्टीट्यूट ऑफ एनबीसी डिफेंस एंड सिन्गुहा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार,.
  • आपको बता दें अभी भी कई सारे लोग स्मार्टफोन की जरूरत से ज्यादा.
  • गर्म होने या खराब चार्जर से चार्ज करने के खतरों को लेकर अनजान हैं.
  • इंस्टीट्यूट ऑफ एनबीसी डिफेंस के प्रोफेसर जी सन के अनुसार,.
  • आजकल दुनिया भर में लोग लिथियम ऑयन बैटरी का इस्तेमाल कर रहे हैं.
  • ऐसे में उनकों इसके खतरों के बारे में भी अधिक जानकारी होनी चाहिए.
  • प्रोफेसर सन और उनके सहयोगियों ने कई कारकों की पहचान की है.
  • जो विषैली गैसों की मात्रा को बढ़ा सकते हैं.
  • उदाहरण के तौर पर एक चार्ज बैटरी के करीब 50 प्रतिशत चार्ज बैटरी के मुकाबले ज्यादा विषैली गैसें निकलती हैं.
  • जिससे बैटरी में शामिल रसायन और उनकी चार्ज रिलीज करने की क्षमता.
  • भी जहरीली गैसें छोड़ने की मात्रा पर असर डालती है.

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मोबाइल पर अगर हम घंटा भर बात करते हैं तो उससे हुए नुकसान की भरपाई के लिए हमें 23 घंटे मिलतेहैं, जबकि टावर के पास रहनेवाले उससे लगातार निकलने वाली तरंगों की जद में रहते हैं। .

 

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