होली ब्रज का प्रमुख उत्सव है और इस उत्सव के ब्रज में अलग अलग रूप देखने को मिलते है। विस्तृत रिपोर्ट वीडियो के साथ।

मथुरा- छाता के फालैन गांव मे एक बार फिर- होलिका दहन की 20 फुट ऊँचे आग के शोलों के बीच से निकल कर मोनू पंडा ने अपनी आदि कालीन परम्परा का निर्वहन किया । इस हैरतअंगेज कारनामे को देखने के लिये देश विदेश के हजारो लोग मौके पर मौजूद रहे ।
होली ब्रज का प्रमुख उत्सव है । और इस उत्सव के ब्रज में अलग अलग रूप देखने को मिलते है । कही पर लठामार होली होती है तो कही पर कपड़ा फाड़ हुरंगा,फूलो की होली तो कही चरकुला नृत्य। इन्ही सब के बीच आज तड़के फालैन गांव मे आदि काल से चली आ रही प्रथा के अनुसार होलिका दहन के तत्काल बाद आग के शोलो के बीच से मोनू पंडा ने निकल कर लोगो को दांतो तले अंगुली दबाने को मजबूर कर दिया । कहा जाता है कि फालैन गांव भक्त प्रहलाद के वंशजों का गाव है ।इसी कारण निश्चित परिवार से एक व्यक्ति प्रति वर्ष अपनी इस वंशानुगत परम्परा को निभाता चला आ रहा है। भोर के तड़के शुभ मुहूर्त में पंड़ा प्रहलाद मन्दिर में जलने वाले दीपक को लौ पर अपना हाथ रखते है ‘और जब उन्हे दीपक की लौ ठंडी महसूस होने लगने लगती है उसी समय वो अपने सारे कपड़े उतार कर और एक मात्र तन पर अंगोछा पहन कर मन्दिर के समीप स्थित कुण्ड मे स्नान कर, सीधे दौड़ते हुए तालाब से आते है और आठ दस मीटर के वर्गाकार क्षेत्र मे धधकती आग के बीच से सकुशल निकल जाते है ।

Report – Jay

 

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