सावन के पवित्र महीने के पहले सोमवार पर काशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिली। शिवशंकर के जलाभिषेक के लिए शिव भक्त 3 किलोमीटर दूर तक पंक्ति बनाए खड़े रहे। देर रात से ही भक्तो का जमावड़ा यहाँ इकठ्ठा होने लगा था। सुबह 9 बजे तक 50 हज़ार से अधिक लोगो ने जलाभिषेक कर लिया था।

लोगों में है मान्यता :

  • भक्तो की मान्यता है कि इस पूरे महीने बाबा बम भोले स्वयं अपने भक्तों के साथ होते हैं।
  • वे सभी के कष्टों को सुनते हैं और जलाभिषेक के साथ ही सारे दुःख दर्द हर लेते हैं।
  • आपको बता दें कि समुद्र मंथन के दौरान जिस माह में शिवजी ने विष पिया था, वह सावन का महीना था।
  • विष पीने के बाद शिवजी के तन में ताप बढ़ गया।
  • सभी देवी – देवताओं और शिव के भक्तों ने उनका जलाभिषेक करने लगे जिससे उनको ठंडक पहुंचे।
  • तभी से सावन के महीने के हर सोमवार को शिव की आराधना कर जलाभिषेक का अपना महत्व है।
  • इस दिन किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए गोदौलिया, छत्ताद्वार, दशाश्वमेध मार्ग नो वेहिकल जोन बनाया है।
  • मैदागिन से गोदौलियां की ओर आने वाले मार्ग को केवल कावड़ियों के लिए ही खोला गया है।
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