आज पूरे देश में गणेश चतुर्थी का पावन पर्व बड़ी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। सम्पूर्ण भारत में सभी जगह पर यह पूरी निष्ठा और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

भक्तों ने कर ली है बप्पा के स्वागत की तैयारी :

  • गणेश चतुर्थी के इस पावन पर्व की तैयारी लोगों ने बीते हफ्ते से ही करनी शुरू कर दी थी।
  • भक्तों ने घरों और मंदिरों में गणेश जी की काफी सुन्दर मूर्तियां स्थापित की हैं।
  • भगवान गणेश की पूजा दस दिन तक पूरे भक्ति भाव और विधि विधान से की जाती है।
  • दस दिन तक भक्तगण हम सभी के आराध्य श्री गणेश को मोदक का भोग लगाते है और उनकी पूजा अर्चना करते है।
  • प्रतिमा स्थापना के ग्यारहवें दिन नदी में गणपति बाप्पा मोर्या के जयकारों के साथ भक्तों द्वारा प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है।

यह है शुभ मुहर्त :

  • गणपति जी की प्रतिमा की स्थापना का दिन 5 सितंबर 2016 है।
  • गणेश चतुर्थी का दिन 5 सितंबर 2016 को रात 9:10 पर समाप्त होगा।
  • गणेश जी की पूजा के लिए शुभ समय आज मध्याह्न (दिन में) 11:10 से 1:39 बजे तक है।
  • भगवान गणेश की अर्चना करने लिए सबसे पहले सुबह नहा धोकर शुद्ध लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
  • गणपति जी लाल रंग के पुष्प या माला आदि अवश्य अर्पित करें।
  • इसके अलावा नारियल, पंचमेवा, फल, मोदक और लडडू आदि का भोग लगाया जा सकता है।
  • इसके साथ ही गणेश जी का मंत्र का उच्चारण करें।
  • भक्तों द्वारा ऐसा करने से श्री गणेश प्रसन्न हो कर भक्तों की सभी मनोकामना पूरी कर देते हैं।

चन्द्रमा को न देखे :

  • परन्तु आज की रात चन्द्रमा को गलती से भी न देखे।
  • आपको बता दें कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखना शास्त्रों में अशुभ माना जाता है।
  • यह मान्यता है कि चन्द्रमा को गणेश जी द्वारा श्राप मिला हुआ है।
  • इस कारण जो चन्द्रमा को देखता है, श्री गणेश उससे रुष्ट हो जाते है।
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