लुसाने, 25 जून : भारत ने अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति के 2023 में होने वाले सत्र की मुंबई में मेजबानी करने के लिए मंगलवार को अपना दावा पेश किया। इस सत्र में 2030 शीतकालीन ओलिंपिक के मेजबान शहर का चुनाव किया जा सकता है।

भारतीय ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा और आईओसी सदस्य नीता अंबानी ने आईओसी की संचालन संस्था के 134वें सत्र से इतर आईओसी प्रमुख थामस बाक को औपचारिक बोली पत्र सौंपा।

बत्रा ने कहा, ‘भारत 2022-23 में स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा और भारतीय खेलों के लिये इससे बेहतर क्या हो सकता है कि इस अवसर पर संपूर्ण ओलिंपिक समुदाय-परिवार भारत में उपस्थित रहे।’

बत्रा का बुधवार को सत्र के दौरान नया आईओसी सदस्य चुना जाना भी तय है।

आईओसी सत्र, आईओसी सदस्यों की आम बैठक होता है और इस समय सदस्यों की संख्या 100 के करीब है, ये साल में एक बार होती है। प्रत्येक सदस्य के पास एक मत होता है। ये आईओसी के सभी फैसले करने वाली सर्वोच्च संस्था है और इसका फैसला फाइनल होता है।

 

एक सत्र की शक्तियों में ओलंपिक चार्टर को अपनाना या संशोधन करना, आईओसी के सदस्यों का चुनाव, मानद अध्यक्ष और मानद सदस्य, राष्ट्रपति का चुनाव, उप-राष्ट्रपति और आईओसी के कार्यकारी बोर्ड के सभी अन्य सदस्य और ओलंपिक के मेजबान शहर का चुनाव शामिल हैं।

भारत पहले वर्तमान सत्र की मेजबानी चाहता था लेकिन वह इटली के शहर मिलान से पिछड़ गया था। बाद में इटली ने 2026 शीतकालीन ओलिंपिक खेलों की मेजबानी का दावा पेश करने का फैसला किया जिससे मिलान में यह सत्र आयोजित नहीं हो पाया।

आईओसी नियम मेजबान सिटी उम्मीदवारों को अपने गृह देश को चुने जाने से प्रतिबंधित करता है। मिलान को सोमवार को 2026 शीतकालीन ओलिंपिक की मेजबानी सौंपी गयी।

भारत ने इससे पहले 1983 में नई दिल्ली में आईओसी सत्र की मेजबानी की थी।

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