ओलंपिक से पहले भारतीय हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है। गुरूवार को ऑस्ट्रेलिया से मिली हार के बावजूद भारतीय हॉकी टीम चैम्पियंस ट्रॉफी मुकाबले के फाइनल में पहली बार पहुंचने में कामयाब रही। गुरूवार को खेल गए मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 4-2 से मात दी थी। जिसके बाद भारत की उम्मींदे ब्रिटेन और बेल्जियम के मैच पर टिकी थी। गुरुवार देर रात ब्रिटेन और बेल्जियम के बीच हुआ मैच 3-3 से ड्रॉ हो गया जिसकी वजह से भारत को फाइनल मुकाबला खेलने का मौका मिल गया।

  • दरअसल, अगर इस मैच में ब्रिटेन जीत दर्ज करने में कामयाब रहता तो उसे फाइनल में एंट्री मिल जाती लेकिन मैच ड्रा रहने या फिर बेल्जिम के तीन से कम गोल करने की स्थिति में भारत को फाइनल का टिकट मिलना तय था।
  • ब्रिटेन और बेल्जियम के बीच मुकाबला 3-3 से ड्रा रहने से दोनों टीमें फाइनल में जगह नहीं बना सकी, और अंकतालिका में दूसरे नंबर की टीम भारत को फाइनल में जगह मिल गई।
  • आखिरी मैच में ऑस्‍ट्रेलिया से मिली 2-4 से हार के बाद भारत अंकतालिका में 7 अंकों के साथ दूसरे नंबर पर था। ऑस्ट्रेलिया ने चार मैच जीते हैं, और ऑस्ट्रेलिया के पास 13 अंक हैं।
  • अंकतालिका में भारत के 7 और ऑस्ट्रेलिया के 13 अंक हैं, ऑस्ट्रेलिया पहले ही फाइनल में जगह बना चुका था।
  • अब फाइनल में एक बार फिर भारत का मुकाबला विश्व की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया से होगा। ऑस्‍ट्रेलिया और भारत के बीच फाइनल मैच शुक्रवार को खेला जाएगा
  • ऐसा पहली बार है जब भारत चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में पहुंचा है, इससे पहले हर बार भारत की फाइनल में पहुंचने की कोशिशें नाकाम रहीं हैं।
  • अब इस मुकाबले में भारतीय टीम का सिल्वर मेडल तो पक्का हो ही गया है, इससे पहले 1982 में नीदरलैंड्स में हुए मुकाबले के दौरान भारत ने कांस्य पदक जीता था। जिसके बाद से भारतीय टीम चैम्पियंस ट्राफी में कोई बड़ी जीत दर्ज नहीं कर सकी।
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