भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मोहम्मद शाहिद का बुधवार को गुरुग्राम के मेदंता हॉस्पिटल में निधन हो गया। वो पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। वे 56 साल के थे ।

माेेहम्‍मद शाहिद की मौत की पुष्टि उनके बेटे मोहम्‍मद सैफ ने की। सैफ ने अपने पिता के देहान्‍त के बारे में बताते हुए कहा कि आज सुबह तकरीबन 10.45 उनके पिता मोहम्‍मद शाहिद ने अपनी अंंतिम सांस ली। सुबह उनके सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। 56 साल के शाहिद को मेदांता मेडिसिटी में इस महीने की शुरूआत में पीलिया और डेंगू होने के बाद भर्ती कराया गया था। उन्हें वाराणसी से हवाई जहाज से यहां लाया गया था।

गौरतलब है कि इससे पहले 29 जून को मोहम्मद शाहिद को तबीयत बिगड़ने पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सर सुन्दरलाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन तबीयत में खास सुधार न होने पर उन्हें मेदंता में एडमिट कराया गया था।

अापको बताते चले कि अपने ड्रिबलिंग कौशल के लिये मशहूर रहे शाहिद भारत के महानतम हाकी खिलाड़ियों में से थे। उनकी गिनती भारत के सबसे सफल हॉकी खिलाड़ियों में होती है। मोहम्मद शाहिद 1980 मास्को ओलंपिक में हॉकी का स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान रहे। ड्रिब्लिंग के मास्टर कहे जाने वाले मोहम्मद शाहिद ने 1982 और 1986 एशियाई खेलों में देश को क्रमश: रजत और कांस्य पदक दिलाया था।

उन्हें 1981 में अर्जुन अवॉर्ड और 1986 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। सैफ ने बताया कि उन्हें वाराणसी ले जाया जायेगा जहां गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार होगा।

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