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क्या जीवन बीमा वास्तव में वरिष्ठ नागरिकों की आवश्यकता है?

पिछले के कुछ वर्षो में यह देखा जा रहा है कि वरिष्ठ नागरिकों को जीवन बीमा उत्पाद, बीमा मध्यस्थों द्वारा बिना उनकी आवश्यकता को मूल्यांकित किये, व्यक्तिगत कमीशन के लालच में बेच रहे है. जबकि उनकी आवश्यकता का मूल्यांकन करने पर अधिकांश लोगों को दी गयी जीवन बीमा पॉलिसी की आवश्यकता थी ही नहीं. आइये समझते है की वास्तव में वरिष्ठ नागरिकों को कैसे बचना चाहिए.

जीवन बीमा क्यों?

जीवन बीमा और जोखिम एक ही सिक्के के दो पहलू है जिसमे निवेश का समाहित होना बीमा के महत्व को बढ़ाता है.

आधुनिक व्यावसायिक वातावरण में भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण ने जीवन बीमा की खामियों को दूर कर आम जनता के लिये बीमे को और प्रभावशाली किया है और आवश्यकता आधारित विक्रय पर विशेष बल दिया है.

बीमा की आधारभूत अवधारणा जोखिम से वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है. कम उम्र में इसकी आवश्यकता अत्यधिक होती है जबकि अधिक उम्र में न के बराबर.

वरिष्ठ नागरिकों को गारंटीकृत रिटर्न की जीवन बीमा पॉलिसी लेनी चाहिये?
वरिष्ठ नागरिकों को सिंगल प्रीमियम जीवन बीमा पॉलिसी लेनी चाहिये?
वरिष्ठ नागरिकों को यूलिप जीवन बीमा पॉलिसी लेनी चाहिये?
बैंक के माध्यम से जीवन बीमा उत्पाद लेना चाहिये?
यदि आपकी आवश्यकता के विपरीत जीवन बीमा उत्पाद बेचा गया है तो क्या करें?
पेंशन जीवन बीमा पॉलिसी?

वरिष्ठ नागरिकों को सामान्यतः सेवा निवृति के पश्चात् नियमित आय की जरुरत होती है. उन्हें आयकर की धारा 80 सी में छुट, जीवन बीमा सुरक्षा, लम्बी अवधि तक प्रीमियम भुगतान, टैक्स फ्री पूर्णावधी लाभ, आकर्षक रिटर्न, शेयर मार्किट के लाभ या नियमित निवेश, जीवन बीमा के माध्यम से उनके उद्देश्यों की पूर्ति नहीं करते है.

वरिष्ठ नागरिकों को लम्बी अवधि का कोई भी निवेश नहीं करना चाहिए. पेंशन उत्पाद के जरिये वरिष्ठ नागरिकों की नियमित आय की जरूरत की पूर्ति की जा सकती है. जीवन बीमा के अन्य उपलब्ध उत्पाद से वरिष्ठ नागरिकों को सामान्यतः बचना चाहिए.

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