2019 के लोकसभा चुनावों की अभी तक घोषणा भी नहीं हुई है और राजनीतिक दलों में भगदड़ शुरू हो गयी है। सपा और बसपा के गठबंधन होने के बाद से भाजपा में कोहराम मच गया है। यही कारण है कि नेताओं के दल बदलने का सिलसिला शुरू हो चुका है। चाहे पार्टी का कार्यकर्ता हो या बड़ा नेता, सभी 2019 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए अपनी पार्टी का चुनाव कर रहे हैं। इसी क्रम में अब पंजाब में केंद्र सरकार में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिरोमणी अकाली दल को बड़ा झटका लगा है।

अखिलेश कर रहे 2019 की तैयारी :

आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में समाजवादी पार्टी सबसे आगे चल रही है। अन्य पार्टियों ने जहाँ इसके लिए अब तक कोई ख़ास तैयारी नहीं की है तो वहीँ सपा ने तो लोकसभा चुनाव प्रत्याशियों के लिए आवेदन फॉर्म तक निकाल दिया है। जिला सपा कार्यालय से कोई भी 10 हजार की रकम जमाकर इस फॉर्म को भरने के बाद प्रत्याशी बनने के आवेदन कर सकता है। वहीँ यूपी की फतेहपुर सीट से सपा ने सबसे पहले अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है। साथ ही मुलायम सिंह के मैनपुरी से लड़ने का ऐलान अखिलेश कर चुके हैं। साथ ही वे खुद भी कन्नौज से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

पंजाब में भी दल बदलने का सिलसिला शुरू :

सपा-बसपा के गठबंधन होने का असर अब उत्तर प्रदेश से बाहर भी दिखाई देने लगा है। पंजाब के जालंधर के खानगा गांव में अकाली दल के साथ जुड़ी पंचायत का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल बुधवार को बसपा में पार्टी प्रधान देवी दास नाहर की अध्यक्षता में शामिल हो गया। खानगा गांव की सरपंच राज रानी और गांव के तीन पंचायत मेंबर महिंदर सिंह, सुखदेव सिंह, जगीर सिंह ने अकाली दल की पार्टी छोड़ बसपा पार्टी का हाथ थामा। उनके साथ निर्मल सिंह, बलबीर सिंह, लखबीर सिंह, गुरदीप, सतनाम सिद्धू, जीत सिंह और उनके साथियों ने भी बसपा में शामिल होने का ऐलान किया।

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