आज सूचना प्रद्योगिकी के दौर में लोगों की निर्भरता इस कदर बढ़ती जा रही है कि कुछ लोग स्वास्थ को भी लेकर इंटरनेट पर निर्भर रहते हैं। इंटरनेट पर मिल रही स्वास्थ्य संबंधी जानकारी पर भरोसा करने वाले लोग शायद चिकित्सक के बताए निदान पर कम ही भरोसा करते हैं। लेकिन एक शोध में पता चला है कि इंटरनेट पर मौजूद जानकारी के फायदे तो बहुत सारे हैं, लेकिन यह पूरी तरह से सटीक नहीं हो सकती और मरीज गुमराह हो सकते हैं।

इंटरनेट निदान से मरीज हो सकते हैं गुमराह :

  • न्यूयॉर्क के होफस्ट्रा यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर और चीफ राइटर रुथ मिलानिक ने कहा कि
  • इंटरनेट एक शक्तिशाली सूचना का माध्यम है, लेकिन तर्क और सोच में असमर्थ होने की वजह से इसकी क्षमता सीमित है।
  • कहा कि साधारण तौर पर लक्षणों के एक सर्च इंजन में होने से यह वास्तविक चिकित्सकीय स्थिति को नहीं बता सकता।
  • शोधकर्ताओं की मानें तो इस कंप्यूटर आधारित निदान से मरीज गुमराह हो सकते हैं।
  • इतना ही नहीं इससे मरीज अपने चिकित्सकों की चिकित्सकीय योग्यता पर सवाल उठा सकते हैं।
  • साथ ही इस कारण निदान में देरी हो सकती है।
  • चीफ राइटर रुथ मिलानिक ने कहा कि इस तरह से इंटरनेट के जरिए लक्षणों के विवरण से,
  • एक मरीज और चिकित्सक में विश्वास में कमी आ सकती है।
  • हालांकि, जिन लोगों को संदेह है, उन्हें निश्चित तौर पर दूसरी राय जरूर लेनी चाहिए और
  • उन्हें इंटरनेट के सूचना पर चिकित्सक से चर्चा करने से डरना नहीं चाहिए।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें