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भारत के सबसे पुराने दोस्त से नज़दीकी बढ़ा रहा पाक, खरीदना चाहता है T-90 टेंक

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अमेरिका से धुत्कार के बाद पकिस्तान दूसरे बड़े देशों से दोस्ती बढ़ाने में लगा है. चीन के बाद अब पाक रूस से दोस्ती के रिश्ते बनाने की कोशिश में है. पाकिस्तान रूस से दोस्ती बना कर खतरनाक हथियारों का सौदा करना चाहता है. पाकिस्तान के रक्षामंत्री खुर्रम दस्तगीर खान ने रूस की एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में इस बात की पुष्टि की है.

रूस और पाक के बीच वायु रक्षा प्रणाली सिस्टम पर चल रही सौदेबाजी:

भारत के सबसे पुराने और करीबी दोस्त रूस से पकिस्तान दोस्ती बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान ऐसा रूस के साथ रक्षा से जूड़े सौदों के लिए कर रहा है. इसको लेकर पाक ने रूस से बातचीत में दिलचस्पी भी दिखाई है.

एडवांस्ड हथियारों के लिए पाकिस्तान अब सीधे तौर पर रूस से बात करना चाहता है. इनमें लड़ाकू विमान, जंगी तोप, वायु रक्षा प्रणाली (एयर डिफेंस सिस्टम) और मिलिट्री हार्डवेयर भी शामिल हैं. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान ने रूसी समाचार एजेंसी स्पूतनिक से एक साक्षात्कार में इस बात की पुष्टि की है कि इस्लामाबाद हथियारों की खरीद के लिए रूस में रुचि रखता है. पाकिस्तानी रक्षा मंत्री खुर्म दस्तगीर खान ने खान ने कहा, ‘हम रूसी हथियारों की तकनीक को खरीदना चाहते हैं. हालांकि अभी वायु रक्षा प्रणाली सिस्टम पर सौदेबाजी चल रही है और जैसे ही यह सौदेबाजी पक्की हो जाएगी, हम इसकी घोषणा कर देंगे.’

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि पाक रूस से T-90 टैंक भी खरीदना चाहता है और इस डील की साझेदारी लंबे वक्त के लिए होगी. खान ने कहा कि पाक रूस के साथ सामरिक मुद्दों पर भी बात करेगा. खान ने कहा कि, “एयर डिफेंस सिस्टम अपनी तरह का एक अलग हथियार है, जिसमें हमें दिलचस्पी है. हम हमारी सेना को भारी मात्रा में ऐसे रूस के हथियार देना चाहते हैं, जो आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस हो.”

बता दें T-90 टैंक को रूस ने 1993 में बनाया था, जिसमें 125 मिमी स्मूथबोर गन लगीं हुई हैं. ये स्मूथबोर गन T-90 को ताकतवर बनाने में मदद करती हैं. यह टैंक 100 मीटर से लेकर 4 किलोमीटर की दूरी तक विरोधी टैंक को अपना निशाना बना सकता है.

गौरतलब है कि भारत रूस से 2001 में ‘T-90 भीष्म’ टैंक खरीद चुका है.  भारत ने 10 हजार करोड़ रुपये की डील से ऐसे 310 टैंक खरीदे, जिसमें से 120 टैंक बने बनाए मिले और 90 सेमी-असेंबल मिले थे. इसके अलावा अन्‍य 100 टैंकों को भारत में तैयार किया गया.

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