Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Special News

सुहागरात मनाने के लिए यहां किराए पर मिलती हैं बीवियां

एक ओर देश में महिला सशक्‍तीकरण की बात होती है, उनके अधिकारों की बात की जाती है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कानून बनते हैं लेकिन उसी देश में हर साल कितनी लड़कियों को बेच भी दिया जाता है। लड़कियों को बेचने का तरीका भी कोई आम तरीका नहीं है। आज जमाना काफी बदल चुका है। फिर भी महिलाओ पर होने वाला शोषण आज भी थमने का नाम नहीं ले रहा। अगर महिलाओ के जीवन की बात करे तो आज कल महिलाओ की जिस्फरोशी का धंधा भी काफी फल फूल रहा है। लड़कियों को बेचने का यह तरीका आप को हैरान कर देने वाला है। आजतक आप ने सिर्फ जमीनों को ही कागजातों में बिकते देखा होगा पर यहां तो लड़कियां भी कागजातों में लिखापड़ी के बाद बिकती हैं।

सामने आया हैरान कर देने वाला सच :

मध्यप्रदेश के शिवपुरी गावं में धड़ीचा नामक प्रथा निभाई जाती है। यह प्रथा महिलाओ की खरीद की ऐसी प्रथा है जिसके शिकार युवतियों के पति स्टाम्प पर हस्ताक्षर होते ही बदल जाते हैं। इस प्रथा में बिकने वाली लड़कियों और खरीदने वाले पुरुष के बीच एक कांट्रैक्ट किया जाता है। ज्‍यादा रकम होने पर अनुबंध लंबे समय तक होता है और अगर रकम कम हो तो जल्द ही खत्म हो जाता है।

यहां इस अनोखे बाजार में पुरुष आते है और अपनी पसंद की महिला को पैसे देकर किराए पर ले जाते है। पुरूष जितने दिन के पैसे देते हैं, वो महिला उतने दिन तक उनकी पत्नी बनकर रहती है। अगर पुरुष चाहे तो ज्यादा पैसे देकर ज्यादा दिन तक महिला को रख सकता है।

यहां के लोग इसे एक प्रथा मानते है जिसे धड़ीचा प्रथा कहा जाता है और लड़की के घर वाले ये प्रथा करते है। लड़कियों को किराए पर गैर मर्द को देते है और ये सभी कार्रवाई कागजी होती है। महिला पत्नी बनकर संबंध बनाने से लेकर सारे काम उस पुरुष के लिए करती है।

हालांकि बहुत सी महिलाओ ने कई बार इस प्रथा को लेकर अपनी आवाज बुलंद करने की कोशिश की, लेकिन हर बार उनकी आवाज को दबा दिया गया। प्रथा के नाम पर बिकने वाली किसी भी महिला ने आज तक किसी के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई।

Related posts

रक्तदान महादान नहीं, आपके खून का व्यापार है

Deepak Singh
6 years ago

वीडियो: ऐसे चमत्कार हर किसी के साथ नहीं होते

Kumar
8 years ago

जूडो कराटे महोत्सव में दिव्यांग खिलाड़ियों ने सीखे आत्मरक्षा के गुर

Namita
8 years ago
Exit mobile version