आगामी अप्रैल में देश के उच्च सदन राज्य सभा से समाजवादी पार्टी के 6 सांसद रिटायर हो रहे हैं। राज्य सभा से रिटायर होने वाले सांसदों में सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा, दर्शन सिंह यादव, जया बच्चन, पार्टी महासचिव नरेश अग्रवाल, मुनव्वर सलीम और आलोक तिवारी शामिल हैं। ऐसे में अब समाजवादी पार्टी अपनी कम ताकत के कारण सिर्फ एक नाम ही राज्य सभा में भेज सकती है। सपा से राज्य सभा भेजे जाने वाले नेताओं में मुख्य तौर पर 2 बड़े नेताओं का नाम सामने आ रहा है जिसमें से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को ही फैसला लेना है।

सपा की विधानसभा में है कम ताकत :

उत्तर प्रदेश की विधानसभा में समाजवादी पार्टी के मात्र 47 विधायक हैं जिसके कारण सपा से सिर्फ एक सदस्य ही चुन कर राज्य सभा जा सकता है। सपा में अब पहले की तुलना में सभी कुक बदल चुका है तो मुमकिन है कि जो नेता सपा से राज्य सभा जायेगा, वह निश्चित तौर पर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की पसंद होगा और उनका करीबी होगा। अखिलेश के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद से संगठन में सिर्फ उनके करीबी नेताओं को पद दिए जा रहे हैं। मुलायम और शिवपाल के करीबी नेताओं को अनदेखा किया जा रहा है। प्रवक्ता से लेकर प्रदेश अध्यक्ष सभी अखिलेश यादव की पसंद के हैं। ऐसे में अखिलेश यादव चाहेंगे कि राज्य सभा जाने वाला सदस्य भी उन्हीं का करीबी हो और वही पार्टी से राज्य सभा में भेजा जाये।

जया बच्चन-नरेश अग्रवाल में है मुकाबला :

इन दिनों सपा के खाते की उत्तर प्रदेश की 1 राज्य सभा सीट को हासिल करने के लिए पार्टी में राजनैतिक लड़ाई शुरू हो गयी है। अप्रैल में होने वाले राज्य सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी आसानी से 1 सीट जीत सकती है। भले अप्रैल महीने में सपा के 6 राज्य सभा सदस्य सदन से रिटायर हो रहे हैं मगर सपा से राज्यसभा जाने के लिए असल लड़ाई तो सिर्फ जाया बच्चन और नरेश अग्रवाल में है। सपा में जया बच्चन को मुलायम सिंह यादव का साथ मिला हुआ है और नरेश अग्रवाल राम गोपाल यादव के करीबी माने जाते हैं। हालाँकि जया अमिताभ बच्चन की पत्नी हैं तो सपा भी उन्हें अनदेखा नहीं करना चाहती है। मगर राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि जया बच्चन का सपा से राज्य सभा जाना काफी मुश्किल है।

 

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