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बेटियों को रेप से बचाने के लिए मां करती हैं ऐसा काम

आज हमारा देश भले ही काफी विकसित हो चुका है लेकिन आज भी इस दुनिया में कई ऐसी प्रथाएं हैं जिसे सुनकर या देखकर बेहद ही अजीब लगता है। आज हम आपको कुछ ऐसी ही अजीबों गरीब प्रथाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें सुनकर हंसी छूट जाए लेकिन वहीं कुछ प्रथाएं ऐसी हैं जो बेहद दर्दनाक हैं। ऐसी प्रथाएं जिनका सदियों से पालन किया जा रहा है। ऐसी प्रथाएं जिसे सुनकर भी रूह कांप जाए। इस प्रथा के बारे में पूरी जानकारी के लिए बने रहिये हमारी इस खबर पर!

अफ्रीकन देश में है प्रथा :

आज हम जिस प्रथा कि बात कर रहे हैं वो साउथ अफ्रिका के कैमरून और नाइजीरिया में है। यहां अफ्रीकी समुदाय की लड़कियों को भी इस प्रथा का पालन करना पड़ता है। हर कोई सोच रहा होगा कि ऐसी कौन सी प्रथा है तो आइए जानते हैं इस प्रथा के बारे में।

इस दर्दनाक प्रथा का चलन है जिसका पालन करने के बाद लड़कियों का रेप नहीं हो सकता और वो शादी से पहले गर्भवती नहीं होंगी। साथ ही कोई भी पुरुष लड़कियों पर बुरी नज़र नहीं डालेगा और वो सुरक्षित रहती हैं। साउथ अफ्रीका, कैमरून और नाइजीरिया जैसी जगहों पर लड़कियों को रेप से बचाने के लिए एक प्रथा का पालन करना पड़ता है जिसमें लड़कियों को असहनीय पीड़ा और दर्द से गुजरना होता है।

इस अजीबोगरीब प्रथा का नाम ‘ब्रेस्ट आयररिंग’ है। इस प्रथा में ब्रेस्ट यानि स्तनों को आयरन करने की बात कही गई है लड़कियों के स्तनों को बढ़ने से रोकने के लिए 11 से 14 साल की उम्र के बीच उन्हें गर्म लोहे की छड़ों या गर्म पत्थर से दाग दिया जाता है। लड़कियां जैसे-जैसे बड़ी होती हैं उन्हें इस दर्द से गुजरना पड़ता है।

इसमें लड़कियों के घरवाले, ज्यादातर मां या और कोई औरत उनके विकसित होते स्तनों को सपाट बनाती हैं। इसे ही अंग्रेजी में ब्रेस्ट आयरनिंग कहते हैं। इस प्रक्रिया को होने में लगभग एक सप्ताह लगता है। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया में 3.8 मिलियन महिलाएं इससे पीड़ित हैं। 58 फीसदी मामलों में ब्रेस्ट आयरनिंग लड़कियों की मां ही करती हैं।

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