जस्टिस लोढ़ा कमेटी की ओर से BCCI में सुधारों को लेकर जो सिफारिशें की गई हैं उनमें से कई BCCI को मंजूर नहीं थीं। जिनके खिलाफ पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है।
फैसले के बाद अब कोई मंत्री या सरकारी ऑफिसर BCCI की गवर्निंग काउंसिल से नहीं जुड़ सकेगा।
BCCI ने वन स्टेट, वन वोट पॉलिसी का विरोध किया है। इसके पीछे वजह बताई गई है कि समय के साथ अलग-अलग राज्यों में कई एसोसिएशन बन गए हैं, अगर एक वोट का नियम लागू किया जाएगा तो बाकी एसोसिएशन के साथ अन्याय होगा। इसके अलावा लोकपाल को लेकर भी बोर्ड सहमत नहीं था। बोर्ड के अनुसार, लोकपाल को वोटिंग पावर देना ICC के नियमों के खिलाफ होगा।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला:
- मंत्री और सरकारी अधिकारी BCCI की गवर्निंग काउंसिल में शामिल नहीं होंगे।
- किसी पद के लिए आयु सीमा 70 साल निर्धारित होगी।
- गवर्निंग काउंसिल में CAG का एक सदस्य शामिल होगा।
- विज्ञापन पॉलिसी का निर्णय BCCI करेगी।
- राज्यों में एक ज्यादा क्रिकेट एसोसिएशन होने पर सभी को एक-एक बार वोट करने का मौका दिया जाएगा, अर्थात रोटेशन प्रणाली जारी होगी।
- सट्टेबाजी पर संसद को कानून बनाने के लिए कहा गया है। साथ ही BCCI को RTI के अंतर्गत लाने के लिए भी उपाय करने को कहा गया है।
- लोढ़ा कमेटी की सिफारिश- टू प्लेयर्स एसोसिएशन को स्वीकार कर लिया गया है।
- इस फैसले के अनुसार, लोढ़ा कमेटी पुराने और नए प्रावधानों पर गौर करने के बाद 6 महीने में रिपोर्ट फाइल करे।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें
Kamal Tiwari
Journalist @weuttarpradesh cover political happenings, administrative activities. Blogger, book reader, cricket Lover. Team work makes the dream work.