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हमारी भारतीय संस्कृति में हमेशा से ही सभी को अपने से बड़ो का सम्मान करना सिखाया गया है। इसीलिए हमेशा से ही अपने से बड़ो को पैर छूने की परम्परा रही है। अभी तक हम यही सोचते थे कि ये सिर्फ बड़ो का सम्मान करने का एक तरीका है मगर अब वैज्ञानिकी ने इसका एक अलग ही कारण बताया है।

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हैरान कर देने कारण :

  • भारतीय संस्कृति में अपने से बड़ो का सम्मान करना जन्म से सभी को सिखाया जाता है।
  • बड़ो के नम्रतापूर्वक पैर छूने से हमें एक अलग ही आनंद की अनूभूति होती है।
  • पैर छूने वालो को भी इस अलग तरह की खुशी मिलती है।
  • मगर असल में इस तरह पैर छूने से सभी को एक ख़ास तरह का लाभ होता है।
  • वैज्ञानिकों ने इस पर काफी प्रयोग किये है और अब वे एक ख़ास नतीजे पर पहुँचें है।
  • वे मानते है कि पैर के अँगूठे को छूने पर एक तरह की विशेष शक्ति का संचार होता है।
  • ऐसा होता है क्योंकि पैर के अँगूठे से एक विद्युत् संप्रेषणीय शक्ति निकलता है।
  • इसी खास कारण से बड़ो के चरण स्पर्श से मिला आशीर्वाद हमें आगे बढ़ाता है।
  • साथ ही जीवन से अंधकार खत्म होता है और जीवन में उन्नति के नए रास्ते खुलते है।
  • शास्त्रों में भी कहा गया है कि कपिला गाय के दान से भी पुण्य मिलता है।
  • साथ ही कार्तिक व ज्येष्ठ महीने में स्नान, दान से भी पुण्य मिलता है।
  • कुछ वैसा ही लाभ हमें अपने से बड़ो का चरण स्पर्श करने से प्राप्त होता है।
  • साथ ही ब्राह्मण को भी ह्मेसं समय-समय पर दान अवश्य देते रहना चाहिए।
  • कहते है कि ब्राह्मण की सेवा करने से सीधे ईश्वर तक हमारी बात पहुँचती है।

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