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दुनिया भर में अलग-अलग तरह के कपड़े पहनना पसंद करते है। जींस को लोग दुनिया के हर देश में बराबर ही पसंद करते है। हर देश में जींस बनाने वाली बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ है जिनका कारोबार करोड़ो में है और लगातार बढ़ता जा रहा है। मगर क्या कभी किसी ने गौर किया है कि जींस में जो सबसे छोटी जेब होती है, उसका असल में क्या इस्तेमाल होता है। वो जेब लगभग हर कंपनी की जींस (jeans) में होती है और सभी में उसका आकार भी बराबर होता है। आज हम इसी राज से पर्दा उठाने जा रहे है।

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पुराना है इतिहास :

  • जींस में बनी छोटी जेब का इतिहास सदियों पुराना बताया जाता है।
  • सर्वप्रथम दुनिया में जींस का निर्माण लेवी स्ट्रॉस नाम की कंपनी ने किया था।
  • इसी कंपनी ने जींस का जो आकार बनाया था, उसमें अभी तक कुछ ख़ास फर्क नहीं आया है।
  • लेवी स्ट्रॉस ने ही जींस में छोटी जेब का चलन शुरू किया था जो अब तक ज्यादा नहीं बदला है।
  • इसी लेवी स्ट्रॉस कंपनी को वर्तमान समय में अब लेवाइस के नाम से जाना जाता है।
  • ये जेब इतनी ज्यादा छोटी होती है कि इनमें कोई भी सिक्के के अलावा कुछ नहीं रख सकता है।
  • तो फिर आखिर कंपनी ने इस जेब को जींस में लगाया ही क्यों था।

jeans

  • इतिहास के अनुसार इस जेब का नाम पहले ‘वाच पॉकेट’ का नाम रखा गया था।
  • सदियों पहले लोगो में अपने कोट पर घड़ी लगाकर पहनने का फैशन चलन में था।
  • इसी कारण ऐसे लोगो को ध्यान में रखते हुए इस तरह की जेब को जींस में लगाया था।
  • यदि जींस में छोटी जेब न हो तो लोगो को घड़ियाँ रखने में काफी समस्या होती।
  • साथ ही जींस में छोटे बटन भी काम करने वाले मजदूरो के लिये लगाये गये थे।
  • बीते जमाने में कई मजदूर खदानों में काम करते थे जिससे उनके कपड़े फट जाया करते  थे।
  • बस तभी से जींस का चलन उपयोग में आया क्योंकि इसकी सिलाई काफी मजबूत होती है।

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