पद्म श्री के लिए नजरअंदाज किए गए देश के प्रमुख टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल का मानना है कि देश की मौजूदा पुरस्कार आवेदन व्यवस्था में खिलाड़ियों को सम्मान मांगना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अवार्ड के लिए प्रार्थनापत्र देना, सम्मान के लिए गिड़गिड़ाने जैसा है।

सम्मान के लिए गिड़गिड़ाने को कर देते है मजबूर-

  • शरत कमल दो बार के राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक विजेता रह चुके हैं।
  • उन्होंने कहा, ‘अवार्ड के लिए आपको कई स्तर पर सरकार से अनुशंसा के पत्र हासिल करने होते है।’
  • आगे उन्होंने बताया कि आप जितने ज्यादा पत्र जुटा लेते हैं, उतना ही आपके अवसर बढ़ जाते हैं।
  • उन्होंने कहा, ‘एक एथलीट के लिए यह निराशाजनक होता है क्योंकि आपको पता है कि आपने पुरस्कार के लिए चुने गए कई खिलाड़ियों से अच्छा प्रदर्शन किया है।’
  • शरत को इस बार पद्म श्री अवार्ड की सूची देखकर झटका लगा था।
  • उन्होंने कहा, ‘जो लोग चुने गए हैं उनमें से ज्यादातर इस लायक थे लेकिन कुछ नहीं भी थे।’
  • शरत कमल ने कहा कि जब ऐसा होता है तो एक एथलीट के तौर पर आप हतोत्साहित हो जाते हैं।

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