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चाचा शिवपाल को लोकसभा चुनाव में टिकट दे सकते हैं अखिलेश

akhilesh yadav congratulate

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उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के समय से ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था। मगर राज्य सभा चुनाव के बीच अखिलेश यादव और शिवपाल काफी नर्म हुए हैं और एकसाथ मंच भी साझा कर रहे हैं। सैफई में होली पर अखिलेश यादव ने शिवपाल के पैर छुए थे। इसके बाद विधायकों के लिए आयोजित डिनर पर शिवपाल और अखिलेश साथ में पहुंचे थे। इस बीच सूत्रों के हवाले से दोनों नेताओं के बीच सुलह का एक फार्मूला सामने आ रहा है।

शिवपाल यादव के तेवर हैं नर्म :

सपा मुखिया अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल सिंह यादव में हमेशा से छत्तीस का आंकड़ा रहा है। मगर राज्य सभा चुनावों में इस आंकड़े को खत्म करने के लिए दोनों गुटों से पहल की जा रही है। जिस तरह पार्टी लाइन के मुताबिक, शिवपाल सिंह यादव और उनके समर्थक विधायकों ने सपा प्रत्याशी के समर्थन में वोट किया है, उससे जाहिर है कि परिवार में चल रही कलह अब खत्म हो रही है। राज्यसभा चुनाव से पहले आयोजित डिनर पार्टी में शिवपालऔर अखिलेश एकसाथ मुस्कुराते नजर आए थे। हालाँकि पहले कहा जा रहा था कि शिवपाल डिनर में शामिल नहीं होंगे और वे सैफई जा चुके हैं। लेकिन सभी आशंकाओं को दूर करते हुए शिवपाल सिंह यादव ने अपनी उपस्थिति डिनर में दर्ज कराई। इससे साफ़ है कि पहली जैसी कलह अब दोनों नेतओं के बीच नहीं रह गयी है।

आजमगढ़ से लड़ सकते हैं शिवपाल :

डिनर कार्यक्रम के बाद शिवपाल यादव ने अखिलेश संग फोटो ट्वीट करते हुए लिखा कि ऊर्जा, उम्मीद और अनुभव से भरे समाजवादी विचारधारा के साथियों के साथ रात्रि भोज। मीडिया खबरों के मुताबिक, शिवपाल अगले साल लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। सूत्रों के हवाले से चाचा-भतीजा के बीच सत्ता संघर्ष को दूर करने का यह बेहतर फार्मूला बताया जा रहा है। ऐसा हुआ तो अखिलेश उत्तर प्रदेश में तो शिवपाल दिल्ली में राजनीति में होंगे। अखिलेश ऐलान कर चुके हैं कि उनकी पत्नी डिंपल यादव अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। ऐेसे में संभव है कि डिंपल की कन्नौज लोकसभा सीट से अखिलेश यादव स्वयं चुनाव लड़ें और मुलायम की आजमगढ़ से शिवपाल यादव को उतारा जा सकता है। कन्नौज सीट हमेशा से सपा परिवार के लिए सुरक्षित रही है। शिवपाल अभी तक सिर्फ़ जसवंत नगर से लखनऊ और सैफई तक ज्यादा सक्रिय रहे हैं। इस बारे में वैसे  कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन चाचा-भतीजे के बीच दूरियां मिटने के बाद से ऐसे ही कयास लगाये जा रहे हैं।

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