लखनऊ। प्रदेश में डेंगू का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। अभी तक करीब 2 हजार लोगों की डेंगू से मौत हो चुकी है। वहीँ करीब 10 हजार लोग डेंगू से पीड़ित हैं। तो ऐसे में ये सवाल उठता है कि क्या डेंगू को महामारी घोषित कर देना चाहिए।

अभी हाल ही में पंजाब में डेंगू को महामारी घोषित किया जा चुका है। पूरे पंजाब में करीब 2 हजार लोग डेंगू से पीड़ित हैं वही करीब 100 लोगों की डेंगू से मौत हो चुकी है। अगर उत्तर प्रदेश की तुलना इससे करें तो यहाँ की स्थिति पंजाब से बेहद गंभीर है।

डेंगू को लेकर प्रदेश की स्थिति चाहे जितनी बदतर हो लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसको बदहाल नहीं मानता है। राजधानी में स्वास्थ्य विभाग अभी तक डेंगू से एक व्यक्ति की मौत का दावा कर रहा था लेकिन कोर्ट की फटकार के बाद ये आंकड़ा बढ़कर 17 कर दिया गया। इसके बावजूद सरकारी आंकड़ो और हकीकत में बहुत फर्क है।

आइये इन आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं :

सरकारी आंकड़ें – डेंगू से अब तक प्रदेश में 25 लोगों की मौत हुई जबकि करीब 1 हजार लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं।

हकीकत : डेंगू से पूरे प्रदेश में करीब 10 हजार लोग पीड़ित हैं। वही केवल लखनऊ की बात करें तो यहाँ पर 150 लोगों की मौत डेंगू से हो चुकी है।

बयान

डेंगू को लेकर प्रदेश में ऐसी स्थिति नहीं है कि इसको महामारी घोषित कर दिया जाए। हाँ बीमारी को लेकर जागरूकता जगाना बेहद आवश्यक है।
– डॉ. वेदप्रकाश, केजीएमयू, उपचिकित्सा अधीक्षक

तमाम प्राइवेट अस्पतालों की ओर से डेंगू की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी जा रही है। जिससे आंकड़ों में गड़बड़ी हो रही है। हालांकि इतना बड़ा अंतर नहीं है। रही बात डेंगू को महामारी घोषित करने की ऐसी स्थिति नहीं है। हालात काबू में हैं।
– डॉ. एसएनएस यादव, सीएमओ, लखनऊ

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