कैंसर से पीड़ित नन्ही बच्ची नाजिया के परिजनों ने उसके इलाज के लिए कई सरकारी अस्पतालों के धक्के खाये, लेकिन घर की माली हालात ठीक ने होने के कारण उसका सही ढंग से इलाज न हो सका।

  • अक्टूबर के महीने में दिल्ली मेट्रो में मिले एक शुभचिंतक उनके लिए उम्मीद की एक किरण बनकर सामने आये।
  • जिन्होंने नि:स्वार्थ भाव से नाजिया के इलाज में अपना पूरा सहयोग दिया।
  • जिनके सहयोग से नाजिया ने बहादुरी से कैंसर के विरुद्ध में जीत हासिल की।
  • नाजिया हॉगकिंस लिंफोमा कैंसर नाम के पीड़ित थी।
  • दिल्ली मेट्रो में मिले इन शुभचिंतक ने नाजिया की हालत को देखते हुए
  • उसके परिवार को मेदांता या राजिव गांधी कैंसर हॉस्पिटल में जाने की सलाह दी
  • और यह भी बताया कि उन्हें पैसे की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
  • नाजिया के पिता एक टेलर का काम करते थे जिसमे उन्हें हर महीने लगभग 6000 रूपये प्रति माह मिलते थे।
  • घर की पूरी जिम्मेदारी उनके कन्धों पर थी।
  • जिसे देखते हुए उन्होंने राजीव गांधी कैंसर हॉस्पिटल जाने का वादा तो किया, लेकिन साथ ही इस विचार को त्याग भी दिया।
  • साथ ही उन्होंने ट्रेन मिले युवक से फोन पर बात भी करना बंद कर दिया।
  • नाजिया के परिवार को यह बात खटक रही थी क्यों एक अनजान व्यक्ति बिना मतलब उनकी बेटी की मदद के लिये आगे आ रहा है।
  • इसी बीच नाजिया की हालत भी दिनप-ब-दिन खराब होती जा रही थी।
  • काफी कोशिशों और समझाने के बाद आखिरकार नाजिया के परिजन राजीव गांधी कैंसर हॉस्पिटल जाने के लिए मान गए।
  • उनके अस्पताल जाने से पहले ही शुभचिंतक ने डॉ. संदीप जैन से फोन पर बात की।
  • नाजिया का पूरा केस उन्हें बताया, साथ ही उसके परिवार का समर्थन करने की गुजारिश की।
  • केस की रिपोर्ट मिलते ही डॉक्टर नाजिया के से इलाज में लग गए।
  • डॉक्टर ने नाजिया को अनुमानित खर्च लगभग 30 हजार बताया।
  • साथ ही यह भी कहा कि जांच के आधार यह खर्च लगभग 5 लाख भी हो सकता है।
  • डॉ. गौरी कपूर और डॉ. संदीप जैन ने नाजिया के परिवार की मदद करते हुए इस रकम को कम करने में बहुत बड़ा योगदान दिया
  • उनकी मदद चलते नाजिया के पिता से पहली क़िस्त में 3 हजार रूपये लिए गए और दूसरी क़िस्त में 10 हजार में।
  • पिछले 9 महीने से नाजिया का बुखार भी इलाज शुरू होते ही चला गया।
  • जिसे देखकर उसके परिवार ने चैन की सांस ली।
  • जिसके बाद इंडियन कैंसर सोसायटी नाजिया की मदद के लिए आगे आई और एचडीएफसी कैंसर केयर फंड्स के माध्यम 2 लाख रूपये की आर्थिक मदद प्रदान की।
  • जिसके बाद से नाजिया की सेहत में काफी सुधार आया है।
  • अब नाजिया पहले से  काफी बेहतर और स्वस्थ्य है।

इस कहानी को शेयर करना का मकसद सिर्फ इतना है कि हमारे देश में नाजिया जैसी न जाने कितने कैंसर पीड़ित हैं जिन्हें आपकी मदद की जरुरत होगी। आपके द्वारा की गयी एक छोटी सी पहल किसी और नाजिया व उसके परिवार की जिन्दगी को बचा सकती है।

  • कैंसर सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं मारता बल्कि उसके पूरे परिवार को ही ख़त्म कर देता है।
  • बहादुरी और सहस के बल पर इस कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से भी जीता जा सकता है।
  • ये नन्ही बच्ची नाजिया इसका जीता जागता उदहारण है।
  • जिसने कैंसर की इस जंग को जीतकर देश की सैकड़ों कैंसर पीड़ितों को लिये एक मिसाल कायम की है।

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