कई वैज्ञानि‍क अध्ययनों से यह नि‍ष्कर्ष नि‍काला गया है कि‍ मोबाईल फ़ोन के इस्तेमाल से दिमाग पर जैविक प्रभाव पड़ता है, तथा लोगो के स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करने के दौरान सतर्कता बरतने का सुझाव दिया गया है.

मोबाइल हो सकता है जानलेवा: 

यदि आप अपने महंगे स्मार्ट फोन का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा करते हैं, तो संभल जरा समल जाये, इससे आपकी सेहत भी बिगड़ सकती है. हर टाइम मोबाइल हाथ में रखने से कई सारी समस्या हो जाती है. खाते वक्त हाथ में मोबाइ रखना, कहीं जाते वक्त हाथ में मोबाइल लिए रहना, सोते वक्त सर के पास मोबाइल रख देना. आप कही भी हो कोई भी कार्य कर रहे है आपका मोबाइल आपके पास से दूर नही होता है. हर टाइम सोते गाजते आपकी उंगलिया और आपकी नजरें फ़ोन पे ही रहती है. बेशक तकनीक ने जिंदगी को आसान बना दिया है, लेकिन लोगो की सेहत के लिए ये उतने ही हानिकारक भी होते जा रहे हैं।

मोबाइल का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने से ये आपको मानसिक व शारीरिक रूप से बीमार बना सकता है. कई शोध में भी इस बात की पुष्टि की जा चुकी है कि मोबाइल का हद से ज्यादा इस्तेमाल करने से लोग जानलेवा बीमारी का शिकार होते जा रहे है.

नींद पूरी न होना :

फोन के अधिक इस्तेमाल से नींद से संबंधित समस्या होने लगती है. इसकी सबसे बड़ी वजह है, आधी रत में फोन की घंटी का बजना, देर रात तक फोन पर बातें करना, रात में देर तक मोबाइल का उपयोग करना ये सब ‘स्लीप डिसऑर्डर’ जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है.

हार्ट् की समस्या :                                                                                                                                                                                                             

सेलफोन की रेडिएशन से न सिर्फ कैंसर होने का खतरा बढ़ता है, बल्कि क्रोनिक डिजीज जैसे हृदय की समस्याएं भी जुड़ी हुई हैं. यूरोपियन जर्नल ऑफ ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, मोबाइल और कॉर्डलेस फोन द्वारा निकलने वाली रेडिएशन हृदय के कार्यप्रणाली में असामान्यता और बाधा को बढ़ा सकता है.

सुनने में होगी दिक्कत :
आज सड़क पर चलते हर दूसरे व्यक्ति के कानों में ईयरफोन लगा होता है. ईयरफोन लगाकर तेज आवाज में गाना सुनना ही आपके सुनने की क्षमता को प्रभावित नहीं कर रहा, बलि्क मोबाइल रेडिएशन भी इसका एक बड़ा कारण बनता जा रहा है. रोजाना लगभग दो घंटे से अधिक फोन पर बात करने वाले लोगों को कम सुनाई देने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

आंखो का कमजोर होना 
अधिकतर लोग ई-बुक्स पढ़ने, वेब सर्फिंग आदि के लिए मोबाइल का उपयोग करते हैं. विशेष रूप से जब आप अंधेरे में मोबाइल की चमकदार स्क्रीन पर छोटे फॉन्ट्स बिना पलक झपकाए पढ़ रहे होते हैं, तो मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन आपकी आंखों को शुष्क और लाल कर देने के साथ साथ जलन भी पैदा करने लगती है. इससे धीरे-धीरे आंखें रेटिना कमजोर होती चली जाती हैं.

इस टेक्नोलोजी की दुनिया में मोबाइल के बिना लोगो की लाइफ अधूरी है, लेकिन इसका आधिक इस्तेमाल लोगो की हेल्थ को कई तरह से नुकसान पंहुचा रहा है. यदि मोबाइल का उपयोग कम कर दिया जाए तो इन सब  शारीरिक और मानसिक समस्याओं से काफी हद तक बचा जा सकता है.

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