स्मार्टफोन्स में पैनिक बटन को अनिवार्य बनाने के बाद अब क्रेंद्र सरकार ने फैसला किया है कि अब देश में 1 जुलाई 2017 से बिकने वाले हर मोबाइल फोन में क्षेत्रीय भाषाओं के लिए सपोर्ट होना जरूरी होगा.

सरकार ने जारी की एक अधिसूचना-

  • केद्र सरकार ने इस मामले में एक आदेश भी जारी कर दिया है.
  • इसमें कहा गया है कि, ‘इंडियन स्टैंडर्ड एक्ट के ब्यूरो के क्लॉज़ 10 (1) को लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने ‘इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी गुड्स (रजिस्ट्रेशन के लिए अनिवार्य) ऑर्डर, 2012 के आईएस 16333 (पार्ट-3) के तहत मोबाइल फोन के लिए भारतीय भाषाओं का सपोर्ट होना जरूरी है.’
  • मोबाइल कंपनियों को अब अपने डिवाइस में टेक्स्ट पढ़ने के लिए भारतीय भाषाओं को सपोर्ट देना होगा.
  • अब सभी मोबाइल कंपनियों को नए मानकों के हिसाब से चलना होगा.
  • मोबाइल फोन कंपनियों को फ़ोन में अंग्रेजी, हिंदी और यूजर की मनपसंद क्षेत्रीय भाषा के लिए सपोर्ट देना अनिवार्य होगा.

नियम 1 जुलाई 2017 से होंगें प्रभावी-

  • भारतीय सेल्युलर एसोसिएशन नेशनल के अध्यक्ष पंकज महिंद्रो ने कहा कि, ‘यह एक बहुप्रतीक्षित और बड़ा फैसला है.’
  • उन्होंने कहा, ‘इससे अंग्रेजी ना बोलने वाले करीब 100 करोड़ लोगों को स्मार्टफोन से जुड़ने का मौका मिलेगा.’
  • यह आदेश डिजिटल इंडिया विजन के तहत है और इंडस्ट्री दोनों की राय इस मुद्दे पर एक ही थी.
  • भारतीय भाषाओं के लिए सपोर्ट आने से ई-गवर्नेंस ट्रांजेक्शन, ई-कॉमर्स बिजनेस आदि के बढ़ने की संभावना है.
  • सरकार की नोटिफिकेशन के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी गुड्स ऑर्डर, 2012 के तहत नए नियम 1 जुलाई 2017 से प्रभावी होंगे.

 

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