अक्सर आप सभी फिल्मों को शुरुआत होने से पहले एक धूम्रपान निषेध का विज्ञापन देखते होंगे जिसमें धूम्रपान को लेकर एक वैधानिक चेतावनी देते हुए संदेश देता है कि धूम्रपान करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। मगर जिन लोगों को धूम्रपान की लत लगी है उन्हें इस विज्ञापन व संदेश से कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन आपको बता दें कि इसमें मौजूद निकोटीन न सिर्फ बड़ो को बल्कि बच्चों पर भी दुस्प्रभाव डालता है।

बड़ो जितना होता है बच्चो पर असर :

  • आपको बता दें कि धूम्रपान न सिर्फ बड़ों के लिए हानिकारक है बल्कि बच्चों के लिए भी खतरनाक है।
  • एक शोध रिपोर्ट को पढ़ने के बाद धूम्रपान से होने वाले खतरे से इंकार नहीं कर पायेंगे।
  • हाल ही में हुए एक शोध हुआ है जिसमें इस बात की पुष्टि हुई है कि धूम्रपान करते वक़्त
  • तंबाकू के धुएं में मौजूद निकोटीन अर्थात हानिकारक कीटाणुओं का समूह हवा में तैरता हुआ बच्चों के हाथों पर जाकर चिपक जाता है।
  • ये कीटाणु इतने छोटे होते हैं कि बच्चों के हाथों पर दिखाई तो नहीं देते हैं।
  • लेकिन उसके बाद हाथ के द्वारा ये उनके शरीर में जाकर हानि पहुंचाते हैं।
  • इतना ही नहीं, ये किटाणु हवा में जाकर भी मिल जाते हैं और हवा में तैरते हुए ये काफी दूर तक फैल जाते हैं।
  • इसलिए बच्चों की पहुंच से दूर भी धू्म्रपान करने पर इसका असर उतना ही होता है,
  • जितना वो पास में रहकर कर सकता है।

टॉप 4 में भारत धूम्रपान के मामले में :

  • विश्व में 2015 में मरने वाले प्रत्येक 10 लोगों में से एक से अधिक की मौत धूम्रपान की वजह से हुई।
  • आपको बता दें कि इनमें से 50 फीसदी से अधिक मौत सिर्फ चार देशों में हुई है।
  • जिसमें भारत शीर्ष चार पर है।
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