2019 के लोकसभा चुनावों के पहले समाजवादी पार्टी ने तैयारियां करना शुरू कर दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक पर संगठन को मजबूती देने में लगे हुए हैं। अनुशासन तोड़ने वाले नेताओं पर भी अखिलेश यादव ने नकेल कसना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के विधायक हरिओम यादव के पुत्र और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय प्रताप यादव को पार्टी से निकाल दिया था। इसका कारण हरिओम यादव ने रामगोपाल को बताया था। इसके बाद सपा विधायक हरिओम यादव के खिलाफ उनकी ही पार्टी के नेताओं ने मोर्चा खोल लिया है।

सपा विधायक ने खोला मोर्चा :

शिकोहाबाद स्टेशन रोड स्थित रामेश्वर रिसोर्ट में सपा से निष्कासित विजय प्रताप ने जिले भर से आये समर्थकों की पंचायत बुलाई थी। यहाँ पर बेटे के समर्थन में पहुंचे सपा विधायक हरिओम यादव ने रामगोपाल यादव पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर रामगोपाल ने भाजपा नेता जयवीर सिंह से अघोषित गठबंधन कर रखा है। इसके साथ ही उन्होंने सांसद अक्षय के फिरोजाबाद से चुनाव लड़ने पर विरोध का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष और नेताजी चुनाव लड़ लें तो जनता साथ रहेगी। सपा विधायक ने कहा कि जब तक जनता का उन्हें आर्शीवाद मिला है, कोई उनका बालबांका नहीं कर सकता है। पूर्व विधायक अजीम भाई ने भी प्रोफेसर रामगोपाल यादव पर कई गंभीर आरोप लगाए।

सपा कार्यकर्ताओं ने माँगा निष्कासन :

किसी समय समाजवादी पार्टी का झंडा पूरे फिरोजाबाद में बुलंद करने वाले और मुलायम सिंह यादव के रिश्तेदार सिरसागंज विधायक हरीओम यादव के विरोध में जिले की पूरी समाजवादी पार्टी एकजुट हो गई है। फिरोजाबाद के सपा नेताओं ने विधायक हरिओम यादव को पार्टी से निष्कासित किए जाने की मांग हाईकमान से की है। सपा प्रदेश अध्यक्ष द्वारा सिरसागंज विधायक के पुत्र और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय प्रताप यादव को पहले ही पार्टी से बाहर किया जा चुका है। सिरसागंज विधायक हरीओम यादव के पास भी जनसमर्थन है। बगावत करने के बाद से उन्होंने अपना जनसमूह एकजुट करना शुरू कर दिया है। देखना है कि विधायक के निष्कासन पर अखिलेश यादव क्या फैसला लेते हैं।

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