Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Special News

Special Report:- ज्ञान सरोवर का है पौराणिक इतिहास, सरोवर में स्नान करने के बाद कोढ़ रोग से रोगी हो जाता था मुक्त

special-report-gyan-sarovar-has-mythological-history

special-report-gyan-sarovar-has-mythological-history

Special Report:- ज्ञान सरोवर का है पौराणिक इतिहास,
सरोवर में स्नान करने के बाद कोढ़ रोग से रोगी हो जाता था मुक्त

ज्ञान सरोवर का है पौराणिक इतिहास

सरोवर में स्नान करने के बाद कोढ़ रोग से रोगी हो जाता था मुक्त

जमींदार ठाकुर हरिहर सिंह ने बावड़ी का कराया था सुंदरीकरण एवं पूर्वा विमुख शंकर जी की मंदिर का कराया था निर्माण

ठाकुर हरिहर सिंह के मृत्यु के बाद परिजनों ने उनके स्मृति में मंदिर का नाम रखा हरिहरनाथ

आज उसी बावड़ी यानी ज्ञान सरोवर का जल लेकर हरिहरनाथ को किया जाता है अर्पण

1965 में तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं जिला अधिकारी डीएन लाल समेत एक दशक पूर्व जनता ने 3 साल श्रमदान कर ज्ञान सरोवर को बनाया स्वच्छ व सुंदर

 

भदोही l प्राचीन काशी राज्य का एक हिस्सा आज का भदोही जनपद था जो बनारस स्टेट के जमाने में भी जिला था और कोढ जिसे आजकल हम ज्ञानपुर कहते हैं इस जनपद का मुख्यालय था कालांतर में जब राज्यों का विलीनीकरण हुआ और भदोही को क्रमशः मिर्जापुर और बाद में वाराणसी में मिला दिया गया तब भी ज्ञानपुर तहसील मुख्यालय था जो बाद में 2 तहसीलों में विभाजित हुआ और भदोही को एक अलग तहसील बना दिया गया l इसी ज्ञानपुर कोढ़ के मध्य में एक शंकर जी का प्राचीन मंदिर स्थित है जिसका इतिहास लगभग 250 वर्ष पुराना है यह मंदिर ज्ञानपुर नगर के मध्य में स्थित ज्ञान सरोवर के पश्चिमी किनारे पर पूर्वा विमुख स्थित हैl

इतिहास बताता है कि उस समय यहां विशाल जंगल था आज भी उन जंगलों का अवशेष देखा जा सकता है जिसे आज सुंदरवन कहा जाता है इन्हीं जंगलों के बीच बावड़ी के रूप में आज का ज्ञान सरोवर स्थित था जिसमें स्नान करने से उस समय लोगों के कोढ़ दूर हो जाते थे उस समय गांव गिराव में जिसे कोड़ी कहा जाता था उसे गांव से बाहर कर दिया जाता था जो कोढ़ रोग से बाहर किए गए वह आकर इस जंगल में रहने लगे भोजन के रूप में जंगली वनस्पति खाते थे और इसी बावड़ी में स्नान करते थे इस बात का स्पष्ट प्रमाण तत्कालीन अभिलेखों में मिलता है कि इस बावड़ी में स्नान करने वाले कोढ़ रोग से मुक्त हो जाते थे इस बात का प्रचार धीरे-धीरे समूचे उत्तर प्रदेश और बिहार तथा मध्यप्रदेश तक हो गया लोग जो कोढ़ से पीड़ित थे लाभ प्राप्त करने लगे कोढ़ रोग से मुक्ति प्राप्त करने के कारण इस स्थान का नाम कोढ़
रखा गया बाद में गोपीगंज रेलवे स्टेशन का नाम भी कोढ़ रखा गया वही कोढ़ अब ज्ञानपुर के नाम से विख्यात है और गोपीगंज स्टेशन का नाम भी बदलकर ज्ञानपुर रोड कर दिया गया l भयानक कोढ़ रोग से मुक्ति का प्रचार प्रसार इतना बड़ा की तमाम राजे रजवाड़ों और जमींदारों का भी ध्यान उधर गया गंगापुर वाराणसी के जमींदार ठाकुर हरिहर सिंह ने इस बावड़ी का सुंदरीकरण कराया तथा एक कुएं का निर्माण कराया एवं उसी बावड़ी के किनारे एक विशाल शंकर जी के मंदिर का भी निर्माण कराया कालांतर में वही बावड़ी ज्ञान सरोवर के नाम से विख्यात हुई और ठाकुर हरिहर सिंह के परिवार वालों ने उनकी स्मृति में मंदिर का नाम भी हरिहरनाथ मंदिर रख दिया हरिहर शंकर जी को भी कहा जाता है अतः यह नाम काफी प्रचलित हुआ और धीरे-धीरे यहां स्थापित शिवलिंग की महिमा सिद्ध पीठ के रूप में जानी जाने लगी आज भी दावे के साथ यह कहा जाता है कि जिसने यहां आकर भगवान भोलेनाथ के मंदिर में निरीक्षल भाव से जो मनोकामना कि वह अवश्य पूरा होता है वर्ष 1965 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शंभू ने पुनः मंदिर और ज्ञान सरोवर का जीर्णोद्धार कराया और शासन द्वारा प्रतिवर्ष ₹2000 इसके रखरखाव और व्यवस्था के लिए स्वीकृत किया और स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं सुप्रसिद्ध अधिवक्ता स्वर्गीय रामदेव प्रसाद अंबस्ट ने एक संचालन समिति का निर्माण कर मंदिर की व्यवस्था वर्ष 1988 तक सुचारू रूप से चलाया उनकी मृत्यु के बाद उनके द्वितीय सुपुत्र प्रकाश कुमार अंबस्ट की अध्यक्षता में मंदिर की व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है भगवान शंकर जो हरिहरनाथ के इस मंदिर में वैसे तो श्रद्धालु इसी ज्ञान सरोवर से पानी लेकर जल चढ़ाते हैं किंतु कभी कोढ़ मिटाने वाले इस तालाब की दशा को गंदगी का ऐसा ग्रहण लगा कि यह स्वयं कोढ़ हो गया था जिसे वर्तमान जिला अधिकारी डीएन
लाल ने मंदिर के सुंदरीकरण एवं तालाब की सफाई कराने की योजना बनाकर शनै शनै कार्य शुरू कराया और इसके बाद एक दशक पूर्व ज्ञानपुर की जनता ने लगातार 3 वर्ष श्रमदान कर ज्ञान सरोवर को स्वच्छ और सुंदर बनाया आज यही ज्ञान सरोवर जिले का तीर्थ स्थल एवं पौराणिक इतिहास के रूप में बन गया है

रिपोर्ट. गिरीश पाण्डेय

Related posts

 आगरा: आगरा बार एसोसिएशन का चुनाव आज

UP ORG Desk
5 years ago

सीएम अखिलेश यादव कल इन जनसभाओं को करेंगे संबोधित!

Mohammad Zahid
7 years ago

SC ने सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीति की याचिका की ख़ारिज!

Divyang Dixit
8 years ago
Exit mobile version