जिन लोगों को दिक्कत है, वो व्हाट्सऐप का उपयोग करना छोड़ दें… ये बातें व्हाट्सऐप मैसेजिंग ऐप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी पर उठ रहे सवालों के बीच सुप्रीम कोर्ट में कही है।

दिक्कत है तो यूज न करें WhatsApp

  • व्हाट्सएप की ओर से के के वेनुगोपाल ने कहा कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी,
  • जिन लोगों को मौलिक अधिकार का हनन लगता है वो इस ऐप को छोड़ सकते हैं।
  • के के वेनुगोपाल ने कहा कि हमने लोगों को पूरी आजादी दी है।
  • यूजर्स व्हाट्सएप के साथ-साथ फेसबुक दोनों ही प्लेटफॉर्म छोड़ सकते हैं।

2016 में लागू हुई थी नई प्राइवेसी :

  • बता दें कि व्हाट्सऐप ने पिछले साल आखिर में अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव किया था।
  • इस नई प्राइवेसी पॉलिसी के तहत व्हाट्सऐप फेसबुक के साथ कंज़्युमर डेटा शेयर करता है।
  • यूजर्स को कुछ दिन की मोहलत दी गई, लेकिन फिर इस प्राइवेसी पॉलिसी को ऐक्सेप्ट करना आवश्यक कर दिया गया।
  • इसके खिलाफ मामला कोर्ट तक गया और जर्मनी कोर्ट ने इसपर रोक लगा दी।

  संविधान के धारा 21 का उल्लंघन :

  • इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पांच अप्रैल को व्हाट्सएप प्राइवेसी मामले में सुनवाई के लिए,
  • पांच जजों की कंस्टीट्यूशनल बेंच बनाने का फैसला किया था।
  • दरअसल सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि फेसबुक और व्हाट्सएप पर डेटा सुरक्षित नहीं है
  • साथ ही यह देश के संविधान के आर्टिकल 21 का उल्लंघन है।
  • गौरतलब है कि इस मामले में व्हाट्सएप और फेसबुक को पहले ही नोटिस जारी हो चुका है।
  • याचिका में व्हाट्सएप की तरफ से अपनी सहयोगी फेसबुक से उपभोक्ताओं की जानकारी शेयर करने का विरोध किया गया है।
  • याचिकाकर्ता ने इसे निजता के अधिकार का हनन बताया है।
  • बता दें कि फेसबुक ने साल 2014 में व्हाट्सऐप को खरीदा था।

 

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