राजधानी में स्वाइन फ्लू का सिलसिला जारी है। स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 42 लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि इससे बचाव करने के बहुत से विकल्प हैं लेकिन, लोग इन पर ध्यान नहीं देते हैं। यही वजह है कि वो इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि साफ-सफाई का ध्यान रखा जाये।  साथ ही खांसते और छींकते समय टिशू पेपर या रुमाल का इस्तेमाल करें।इससे काफी हद तक आप स्वाइन फ्लू से बच सकते हैं।

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रैपिड रिस्पान्स टीम का हुआ है गठन

  •  हेल्थ विभाग की ओर से स्वाइन फ्लू और डेंगू को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
  • साथ ही कुछ चेतावनियां भी दी गयी है जिसके हिसाब से हाथ मिलाने, गले मिलने और चूमने से बचें।
  • उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, प्रशान्त त्रिवेदी ने इस सम्बन्ध में चर्चा भी की।
  • विभागीय समीक्षा बैठक में उन्होंने स्वाइल फ्लू की रोकथाम एवं उससे बचाव के उपाय के निर्देश दिये।
  • बैठक में बताया गया प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स समिति का गठन किया जा चुका है।
  • जो जिला स्तर पर विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर स्वाइन फ्लू के रोकथाम हेतु कार्यवाही कर रही है।
  • प्रत्येक जिले में दो रैपिड रिस्पान्स टीम का गठन किया गया है।
  • स्वाइन फ्लू के मरीज की जानकारी मिलते ही उसके घर जाकर सम्पर्क में रहने वाले परिजनों को दवा उपलब्ध कराएं।
  • स्वाइन फ्लू की रोकथाम एवं बचाव हेतु सरकार सभी प्रकार की ठोस एवं कारगर कार्यवाही कर रही है।

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  • स्वाइन फ्लू से बचने के लिए सबसे आवश्यक है कि साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाये।
  • सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी, गले में खराश,सिरदर्द, बदनदर्द (फ्लू) के लक्षण दिखते ही तत्काल चिकित्सक से सम्पर्क करें।
  • साथ ही खांसी या छींक आने पर रूमाल का प्रयोग करें, प्रयोग किये मास्क को ढक्कन वाले डस्टबिन में ही फेंकें।
  • हाथ धुले बिना अपनी आंख, नाक या मुंह को छूने से परहेज करें।

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