उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव 2017 का आगाज हो चुका है। तीन चरणों का मतदान हो चुका है चौथे चरण का मतदान आज हो रहा है।

  • गाजीपुर का मुहमदाबाद विधानसभा अंसारी बंधुओं का गृह जनपद है।
  • इसी विधानसभा में 2002 के चुनाव में भाजपा से कृष्णानन्द राय ने अंसारी बंधुओं को शिकस्त देकर चुनाव जीता था।
  • यह हार अंसारी बंधुओं को रास नहीं आई इसी बीच विधायक की हत्या 29 नवम्बर 2005 को बसनिया चट्टी पर 7 लोगों ने कर दी थी इसमें मामले में अंसारी बंधु नामजद हैं।
  • आज उसी विधायक की विधवा पत्नी अलका राय अपने पति की विरासत को बचाने के लिये तीसरी बार चुनाव मैदान में है।

सियासी जंग में खोया पति

  • ‘थक गया समर तो रक्षा का भार मुझे दे दे, मै चंडी सी बन जाऊंगी अपनी तलवार मुझे दे दे’।
  • जी हां कुछ ऐसी ही बात 2017 का चुनाव लड़ रही सियासी योद्धाओं की पत्नियां कहती दिख रही हैं।
  • तो कुछ आज अपने पति को सियासी जंग में खो देने के बाद उनकी विरासत को बचाने के लिये तीर कमान संभाल लिया है।
  • उन्हीं में एक है जनपद के मुहमदाबाद विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार अलका राय।
  • जो स्व. विधायक कृष्णानन्द राय की पत्नी हैं।
  • उनके पति की हत्या के मामले में नामजद मुख्तार अंसारी जेल में सजा काट रहे हैं।
  • अलका राय के मुकाबले में भी अंसारी बंधुओं के भाई शिवगतुल्ला अंसारी चुनाव में कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

कृष्णानन्द राय ने दी थी अफजाल अंसारी को शिकस्त

  • अंसारी बंधु का अगर सफरनामा देखा जाय तो इस विधानसभा पर 1996 मे अफजाल अंसारी ने जीत हासिल की थी।
  • इसके बाद कृष्णानन्द राय ने अफजाल अंसारी को शिकस्त दी थी।
  • लेकिन 29 नवम्बर 2005 मे उनकी हत्या हो जाने के बाद उपचुनाव 2006 मे अलका राय ने जीत हासिल की।
  • 2007 मे फिर अंसारी बंधु ने फिर जीत हासिल की और सपा के टिकट पर शिवगतुल्ला अंसारी जीत गये।
  • इस सीट पर शिवगतुल्ला अंसारी ने 2012 में भी कौमी एकता दल से जीत हासिल की।

नुक्कड़ सभा के जरिये मांगे वोट

  • इस बार का यूपी चुनाव में भी मुकाबला काफी दिलचस्प है।
  • इस बार अलका राय अपने पति की विरासत के नाम पर चुनाव लड़ रहीं हैं।
  • उन्होंने अपना प्रचार-प्रसार काफी जोर-शोर से किया।
  • जगह-जगह लोगों से मिलना नुक्कड़ सभा करना उनकी दिनचर्या मे शुमार रहा।
  • उन्हें इस बार उम्मीद है कि जनता उनका साथ देगी।
  • अगर इस विधानसभा में आंकडे की बात करे तो भूमिहार एक लाख 5 हजार, हरिजन 70 हजार, यादव 57 हजार, मुस्लिम 32 हजार, अन्य एक लाख 29 हजार हैं।
  • एक ओर जहां अलका राय ने अपनी विरासत और अंसारी बंधुओ के खात्मे के नाम लोगों से वोट मांगे तो वोटर भी इस बार खुलकर जाति-धर्म से ऊपर उठकर विकास के नाम पर वोट करने की बात कह रहा है।
  • वोटरों के अनुसार पिछले 30 सालों से क्षेत्र विकास से कोसों दूर रहा है।
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