तीसरे चरण में मैनपुरी, औरैया, इटावा, कन्नौज जैसी जगहों पर हो रहा है जो सपा का गढ़ रहा है. अखिलेश यादव पर इन क्षेत्रों में पार्टी का दबदबा बरकरार रखने का भारी दबाव है. समाजवादी पार्टी ने 12 जिलों की 69 में से 55 सीटों पर जीत हासिल की थी. लेकिन 2017 में उन्हें अपने ही क्षेत्र में चुनौतियाँ मिल रही हैं.

विरोधी दलों से मिल रही चुनौती से इतर मैनपुरी में कई जगहों पर ग्रामीणों ने मतदान ना करने का फैसला किया है.

मतदान ना करने का कारण अखिलेश यादव के लिए एक झटका हो सकता है. क्योंकि अखिलेश यादव ने यूपी चुनाव में नारा दिया है कि ‘काम बोलता है’. जबकि मैनपुरी के कई इलाकों में ग्रामीणों ने इसलिए मतदान करने ना करने का फैसला किया है क्योंकि उनको बिजली, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का लाभ नही मिल रहा है.

बता दें कि मैनपुरी की चार सीटों पर सपा का कब्ज़ा है जबकि यहाँ से तेज प्रताप यादव सांसद भी हैं.

अखिलेश के गढ़ में ‘नहीं बोल रहा है काम

  • मैनपुरी के किशनी के पहाड़पुर के ग्रामीणों ने मतदाननहीं किया। ग्रामीणों का कहना है कि उनके यहाँ बिजली की सप्लाई नहीं है.
  • वहीँ घिरोर के नगला छेड़ी में विकास न होने से नाराज लोगों ने किया मतदान नहीं करने का फैसला करते हुए बूथ से दूरी बनाये रखी है.
  • करहल के बैजनाथपुर गाँव में विकास कार्य न होने पर चुनाव बहिष्कार किया गया है. सड़क न होने से ग्रामीणों ने ऐलान किया कि वो लोग मतदान नहीं करेंगे.
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