6वें चरण में पूर्वांचलके में बलिया जिला में 4 मार्च को मतदान होगा. बलिया की सात विधानसभा सीटों पर मतदान 4 मार्च को संपन्न होंगे. बलिया से ही सटा हुआ बिहार का एक जिला है बक्सर. बक्सर से जुड़ा एक तथ्य ये है कि बक्सर के गांवों के ग्रामीण यूपी के वोटर हैं. गंगा से सटे बक्सर के दियरांचल के कई गाँव उत्तर प्रदेश चुनाव में भी मतदान करते हैं. सीमा विवाद में आजादी के बाद से ही उलझे इस इलाके के कई लोग बिहार और यूपी के भी मतदाता हैं.

दियरांचल का सीमा विवाद आज भी सुलह की जोह रहा है बाट:

बिहार व यूपी के बीच सीमा विवाद में उत्तरी छोर का दियरांचल का बड़ा भाग फंसा हुआ है. सीमा विवाद में आजादी के बाद से ही इन इलाकों के ग्रामीण पिसते रहे हैं. चक्की प्रखंड के जवहीं दियर क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गाँव बलिया जिले के वोटर हैं. ये लोग बलिया में चुनाव के दौरान मतदान के लिए जाते हैं. इन इलाकों में रहने वाले लोगों को गंगा नदी पार कर मतदान करने आना होता है. शहरी इलाकों से दूर होने के कारण इन गांवों में चलने की सड़कें आदि भी ठीक-ठाक नहीं है. इन इलाकों को देखने के बाद लगता है जैसे आधुनिकता इनके लिए कोई हसीन ख्वाब है, जिनकी चाह में ये आज भी बदहाली में जीवन बिता रहे हैं.

गंगा के इस पार बक्सर के इस क्षेत्र को लेकर यूपी और बिहार में लम्बे समय से विवाद चलता रहा है. इस बड़े-भू-भाग को यूपी अपनी जमीन मानता रहा है. वहीँ इस पर बिहार भी अपना हक़ जताता है. बक्सर और बलिया की सीमाओं को एक पुल अलग करता है. इस इलाके के सटे गांवों के कुछ ऐसे भी परिवार हैं जिनका नाम यूपी और बिहार की दोनों की मतदाता सूची में दर्ज है.

दोनों राज्यों के मतदाता है कई परिवार:

चुनाव में प्रत्याशी भी इस मुश्किलों से रूबरू तो होते हैं लेकिन चुनाव बाद किसे फ़िक्र है और जनता भी कुछ दिनों बाद भूल जाती है. जवहीं के कई नागरिकों के अनुसार, प्रत्याशी अपने पतिनिधियों के जरिये इन वोटरों को रिझाने का प्रयास लगातार करते रहे हैं. वोटरों को रिझाने के लिए तरह-तरह के प्रयास किये जा रहे हैं.

जवहीं दिवर का पांडेयवाली का डेरा और महाजी डेरा आदि गांव विकास के मामले में पिछड़े हुए हैं और इन इलाकों में नजर दौड़ाने के बाद आपको इसका एहसास भी हो जायेगा। वहीँ सैकड़ों ऐसे परिवार भी हैं जिनका नाम बलिया जिले के वोटर लिस्ट में मौजूद है.

इसका लाभ कुछ नागरिक भी उठा रहे हैं. लोकसभा चुनाव में बक्सर और बलिया संसदीय क्षेत्र में अलग-अलग तारीखों में मतदान होता है. इसलिए ये परिवार आसानी से दोनों संसदीय क्षेत्रों में मतदान करते हैं.

सरकारी योजनाओं का मिलता है दोहरा लाभ:

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यहाँ कई ऐसे परिवार हैं जो सरकारी योजनाओं का लाभ दोनों राज्यों से उठाते रहे हैं. बीपीएल परिवार योजना दोनों राज्यों में अलग-अलग चलती है. ब्रह्मपुर व बलिया के सदर विधानसभा क्षेत्र का वोटर होने के कारण ये लोग दोहरा लाभ उठा रहे हैं.

यही नहीं, हजारों लाभार्थी ऐसे हैं जो पेंशन और इंदिरा आवास जैसी योजनाओं का फायदा ले रहे हैं. लेकिन जब से आधार कार्ड अनिवार्य हुआ है तब से ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं. पेंशन योजना का लाभ लेने वाले 8 से 10 लाभार्थी अब आधार कार्ड लिंक किये जाने के बाद से नदारद हैं और ये लोग पेंशन के लिए चक्कर नहीं लगाते हैं.

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