यूपी चुनाव दूसरे चरण में प्रवेश कर चुका है. 15 फ़रवरी को 11 जिलों की 67 सीटों पर मतदान होंगे। बरेली भी उन्हीं में से एक है. बरेली में नवाबगंज सीट की चर्चा जोरों पर है जहाँ बसपा, सपा और भाजपा के उम्मीदवार एक ही गांव से आते हैं. इस लिहाज से ये मुकाबला स्थानीय मतदाताओं के लिए उत्सुकता का विषय बन गया है.

नवाबगंज में शाही जंग:

  • इस सीट पर चुनाव से ठीक पहले मायावती की पार्टी बसपा को छोड़ भाजपा में शामिल हुए केसर सिंह को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है.
  • सबसे ज्यादा चर्चा में ये सीट इसलिए है क्योंकि बसपा, सपा और भाजपा के उम्मीदवार एक ही गांव से आते हैं.
  • केसर सिंह के अलावा सपा के प्रत्याशी भगवत शरण गंगवार और बसपा के उम्मीदवार वीरेंद्र सिंह गंगवार अहमदाबाद गांव के रहने वाले हैं.
  • सपा में कलह से पूर्व इस सीट से शिवपाल यादव की करीबी शाहिला ताहिर को टिकट दिया था.
  • लेकिन अखिलेश यादव के नेतृत्व सँभालने के बाद साहिला का टिकट काटकर भगवत शरण को सपा का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया.
  • साहिला ताहिर अब इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं.

वोटरों को लुभाने में जुटे प्रत्याशी:

  • बड़ी संख्या में कुर्मी वोट होने के कारण सभी दल अपनी दाल गलाने की कोशिश में जुटे हुए हैं.
  • कुर्मी वोट हासिल करने की कोशिश सपा, बसपा के अलावा बीजेपी भी पूरी कोशिश कर रही है.
  • तीनों दलों ने क्षेत्र में खूब प्रचार किया है और अपने-अपने पाले में मतदाताओं को खींचने की कोशिश की है.

मतदान यहाँ 15 फ़रवरी को होने वाला है लेकिन अहमदाबाद में विजय पताका लेकर कौन जायेगा इसकी क्षेत्र में चर्चा जोरों पर है. पिछले चुनाव में नवाबगंज सीट पर 73.07 फीसदी मतदान हुआ था. पुराने आकंड़े को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि इस चुनाव में भी मतदाता जोशो-खरोश के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

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